SPK News Desk: नसीमुद्दीन सिद्दीकी और मायावती के बीच छिड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस की जंग थमने का नाम नहीं ले रही। बसपा से निकाले जाने के तीसरे दिन नसीमुद्दीन ने फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, कल मैंने तथ्यों और प्रमाणों के साथ मायावती एंड कंपनी के आरोपों का जवाब दिया था। कल जो पीसी मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मायावती जी ने की और उसमें जो भी बातें रखीं वो सारी कि सारी झूठ फरेब के साथ-साथ साजिश से भरी बातें थी।
उन्होंने कहा, उनका जवाब देने से पहले मैं बता दूं कि दयाशंकर जी का जो प्रकरण चल रहा उस पर मैं अपना बयान दर्ज करके आया हूं। मायावती ने कल मुझे टेपिंग ब्लैकमेलर कहा था। जबकि इस तरह से उन्होंने हजारों लोगों को प्रताड़ित और अपमानित करके पार्टी से निकाल दिया।
नसीमुद्दीन बोले, लोग उनकी प्रताड़ना से पार्टी छोड़ गए उनमें स्वामी प्रसाद मौर्य शामिल हैं। मैंने उनकी प्रताड़ना से बचने के लिए इन्हीं का शस्त्र इन्हीं के ऊपर इस्तेमाल किया है। मुझे फोन टेपिंग मायावती ने सिखाई था। ये सब मैंने किसी को ब्लैकमेल करने के लिए नहीं किया था। जब मैंने उनके साथ ऐसा किया तो ये तिलमिला गईं।
नसीमुद्दीन ने सवाल उठाया, मैं जानना चाहता हूं कि मैंने मीडिया के माध्यम से जो टेप जारी किया उससे किसको ब्लैकमेल किया? मैंने अपने बीवी बच्चों को बचाने के लिए इनकी सिखाई ट्रिक अपनाई। उन्होंने कहा, मायावती की आदत मुझे बात-बात पर जेल भेजने की है। कहीं ऐसा न हो जाए इसलिए मैंने टेप किया। मैंने ये सब मायावती से ही सीखा है। देश में मायावती से बड़ा कोई ब्लैकमेलर नहीं है। ये मुझे दिवालिया बनाना चाहती थीं। खुद को बचाने के लिए वह हमेशा नई कहानी सुनाती हैं। उन्हें क्या पता है कि टेप से छेड़छाड़ हुई।
सिद्दीकी ने कहा, मायावती ने कल कहा था कि पार्टी से निकालने से पहले उन्हें बताया गया था कि मैं टेप ब्लैकमेलर हूं अगर ऐसा था तो सतीश चंद्र ने जो आरोप लगाए थे उसके साथ टेप ब्लैकमेंलर का आरोप क्यों नहीं लगाया था।
नसीमुद्दीन ने कहा, मैंने पहले ही कहा था जो भी ये कहेंगी मैं उसका ही जवाब दूंगा। अब और टेप जारी करूंगा। जितना मैं इन्हें जानता हूं उतना इन्हें कोई नहीं जानता। सिद्दीकी बोले, मायावती ने कहा, इनके बेटे को फतेहपुर से टिकट दिया और वह बुरी तरह से हार गया। मैं बता दूं कि इन्होंने कहा था कि फतेहपुर में कंडीडेट नहीं मिल रहा है, मुस्लिम को लड़ाना है अपने बेटे को लड़ा दो। मैंने कहा, हमने वहां काम नहीं किया है तो बोलीं पार्टी हित में है।
पार्टी के हित में बेटा वहां से चुनाव लड़ा। जब हम चुनाव जीते थे तो 2 लाख वोट में जीत गए थे। लेकिन वहां से मेरे बेटे को 3 लाख से ज्यादा वोट मिले, वह दूसरे नंबर पर था और ये कह रही थीं कि बेटा बुरी तरह से हार गया। 2014 में मैं अपने बेटे को नहीं जिता पाया क्योंकि इन्होंने मेरी ड्यूटी कहीं और लगा दी थी।
सिद्दीकी ने कहा, मायावती चार बार सीएम बनी तो क्या हुआ वह डूबती हुई पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वह बोले, ये कहती हैं कि इन्होंने मुझे 1991 में बांदा से चुनाव लड़ाया और जिता दिया और ये इतनी बहादुर हैं कि उस वक्त खुद हार गईं। मैं तो तब इन्हें जानता भी नहीं था। मायावती ने लोगों को खूब ठगा, लोकसभा में प्रश्न पूछने तक के पैसे ले लिए। मैं एक बार हारा तो सुना दिया और खुद कितने बार हारीं। नसीमुद्दीन ने ये भी गिनवाया कि मायावती कितने बार हारीं।
नसीमुद्दीन ने चैलेंज किया और कहा, मायावती जी राज्यसभा के ख्वाब छोड़ दो नगर पालिका का वार्ड का चुनाव ही जीत कर बता दो तो मान जाऊंगा। उन्होंने गुरुवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र करते हुए कहा, उनके चेहरे पर हवाइयां छाईं थी और पसीने छोड़ रही थीं।