राजनीतिक एवं कानूनी समस्याओं से जूझ रहे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने मांसाहार छोड़ दिया है। आहार-विचार को लेकर हाल ही में मिले ज्योतिषीय परामर्श के बाद लालू शाकाहारी हो गए। वे शाकाहार का कड़ाई से पालन कर रहे हैं। पिछले 15 दिनों से उन्होंने मांस-मछली को छुआ तक नहीं है। लालू यादव ने विशेष बातचीत में कहा कि उन्होंने हमेशा के लिए मांस-मछली खाना छोड़ दिया है। अब उस ओर मन भी नहीं जाता है। हालांकि वे मछलियों के बेहद शौकीन रहे हैं।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने दी सलाह
हाल ही में राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोनीत किए गए ज्योतिषी शंकर चरण त्रिपाठी ने पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद को सलाह दी है कि वे मांसाहार छोड़ दें तो उन्हें सभी तात्कालिक समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। बाबा ने लालू प्रसाद को कहा है कि भगवान शिव के समक्ष ली गई शपथ को भंग करना उचित नहीं है, इसलिए उन्हें तत्काल मांसाहार छोड़ देना चाहिए। वहीं, एक मान्यता है कि घर के मुखिया के मांसाहार नहीं लेने पर परिवार को संकटों से मुक्ति मिलती है।
एक बार पहले भी छोड़ चुके हैं मांसाहार
लालू इसके पूर्व भी एक बार मांसाहार छोड़ चुके हैं। उस वक्त उन्होंने कहा था कि भगवान शिव ने स्वप्न में आकर उन्हें मांसाहार नहीं करने को कहा है। हालांकि बाद में उन्होंने अंडा को फल बताकर उसे ग्रहण करना शुरू कर दिया था। लालू प्रसाद को मांसाहार में सोन की मछली या बहते पानी की मछली बेहद पसंद है। वे खुद भी बड़े चाव से बनाकर इसे खाते रहे हैं। वहीं, शाकाहार में वे दही का मठ्ठा, लिट्टी-चोखा, चना व मकई एवं सांवा का सत्तू, खिचड़ी इत्यादि बड़े चाव से खाते हैं।