नई दिल्ली : कैप्टन कूल के नाम से मशहूर महेंद्र सिंह धोनी के लिए 30 दिसंबर का दिन बड़ा ही खास है. 2014 में महेंद्र सिंह धोनी ने सभी को चौंकाते हुए टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास ले लिया था. उन्होंने ये फैसला ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद लिया था. लोगों ने धोनी को ऑस्ट्रेलिया में आखिरी बार सफेद जर्सी में खेलते देखा था. ये भी देखने की बात है कि धोनी ने अपना पहला टेस्ट भी दिसंबर में ही खेला था. धोनी पहली बार 2 दिसंबर 2005 में विशाखापत्तनम में मैदान पर श्रीलंका के खिलाफ खेला था.
धोनी ने 2014 में आखिरी टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर खेला. इस सीरीज में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था. धोनी ने सीरीज के बीच में अपने संन्यास की घोषणा की थी. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड पर अपने संन्यास की घोषणा की.
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धोनी ने अपने टेस्ट करियर में 90 टेस्ट मैच खेले. इसमें उन्होंने 4876 रन बनाए. इसमें 6 शतक और 33 अर्धशतक शामिल हैं. धोनी ने टेस्ट क्रिकेट में कप्तान रहते दोहरा शतक भी बनाया.
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अपने आखिरी टेस्ट में जब धोनी मैदान पर आए तब भारत के पांच विकेट गिर चुके थे और भारत के सामने 384 रनों का लक्ष्य था. अजिंक्य रहाणे के 48 रन पर आउट होने के बाद धोनी ने रविचंद्रन अश्विन के साथ मिलकर दिन का खेल खत्म होने तक बल्लेबाजी की. धोनी ने अपनी आखिरी पारी में 24 रन बनाए और भारत के लिए मैच ड्रॉ कराया. लेकिन भारत ये सीरीज हार गया.
सबसे सफल कप्तान रहे
टेस्ट क्रिकेट में अगर आंकड़ों के हिसाब से देखें तो महेंद्र सिंह धोनी सबसे कामयाब कप्तान रहे. उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने 60 टेस्ट मैच खेले. इसमें 27 मैच जीते और 18 में हार का सामना करना पड़ा. टीम इंडिया ने उनके नेतृत्व में सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जीते. उनसे पहले ये रिकॉर्ड सौरव गांगुली के नाम था. सौरव गांगुली ने 49 टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी की थी. इसमें 21 में जीत मिली थी.मैचों में वह टीम के कप्तान रहे. इसमें 41 में टीम को जीत मिली. धोनी ने कुल 331 मैचों में टीम की कप्तानी की. इसमें 178 में जीत मिली. 120 में हार.