आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न दिए जाने से नाराज तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने एनडीए से अलग होने का फैसला ले लिया है। सूत्रों के अनुसार पार्टी ने गठबंधन से अलग होने का निर्णय लेते हुए केंद्र से अपना समर्थन वापस ले लिया है। फिलहाल टीडीपी पोलित ब्यूरो की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक चल रही है। वहीं मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में पहली बार लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है। माना जा रहा है कि टीडीपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को अपना समर्थन देगी।जब से संसद के दूसरे बजट सत्र की शुरुआत हुई है तभी से टीडीपी आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर प्रदर्शन कर रही है। मगर सरकार उसकी मांग मानने के मूड में नहीं है। जिसकी वजह से पहले उसने केंद्र सरकार में रहे अपनी मंत्रियों को इस्तीफा देने के लिए कहा और अब गठबंधन से भी अलग होने का फैसला ले लिया है। गुरुवार को वाईएसआर कांग्रेस के 6 सांसदों की ओर से आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा के सवाल पर लोकसभा महासचिव को इस आशय का नोटिस दिया गया था।अविश्वास प्रस्ताव पर समर्थन जुटाने के लिए वाईएसआर कांग्रेस ने कोशिश शुरू कर दी है। इस क्रम में पार्टी सांसदों ने गुरुवार को दूसरे विपक्षी दलों के नेताओं को अपने पार्टी अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी का पत्र सौंपा। इस पत्र में आंध्रप्रदेश के खिलाफ कथित अन्याय पर साथ देने की अपील करते हुए कहा गया है कि अगर विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला तो पार्टी के सांसद सत्र के अंतिम दिन संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। मामला सीधे-सीधे आंध्रप्रदेश की राजनीति से जुड़ा होने के कारण जहां टीडीपी प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए तैयार हो गई है। वहीं कांग्रेस, टीएमसी सहित अन्य विपक्षी दल ऊहापोह की स्थिति में हैं।