12 दिनों से तमाम कोशिशों के बावजूद राज्यसभा में गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. गतिरोध खत्म करने के लिए राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यसभा में सदन के नेता अरुण जेटली, नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद और तमाम पार्टियों के नेताओं से बात कर ली. सूत्र बताते हैं कि मंगलवार सुबह जब संसद में अपने कक्ष में वेंकैया नायडू ने देखा कि रोजाना की सर्वदलीय बैठकों से बात नहीं बन रही है तो उन्होंने दुख जताते हुए तमाम नेताओं को संदेश दे दिया कि जब 12 दिनों से लगातार गतिरोध बरकरार है तो ऐसे में बुधवार शाम को भोज का आयोजन अब सही नहीं होगा. वेंकैया नायडू ने राज्यसभा के तमाम सांसदों को 21 मार्च को रात्रि भोज पर बुलाया था और मंगलवार सुबह रद्द होने का संदेश तमाम पार्टियों के नेताओं को दे दिया. खास बात ये कि सांसदों के लिए बेहतरीन दक्षिण भारतीय भोजन तैयार करने के लिए आंध्र प्रदेश से विशेष रसोइए बुलाए गए थे ताकि सांसद गतिरोध भूलकर जायके का मजा उठा सकें. लेकिन सोमवार रात उन्हें अपनी ट्रेन की टिकटें रद्द करवाने का आदेश दे दिया गया. पिछले हफ्ते ही राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने इसी गतिरोध से नाराजगी जताते हुए सांसदों के एक बैडमिंटन टूर्नामेंट का उद्घाटन करने से इनकार कर दिया था. साफ है कि यहां सिर्फ रात्रि भोज रद्द नहीं हुआ है बल्कि रिश्तों में आयी दरार भी दिखने लगी है- एक ऐसा रिश्ता जो संसद को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है.