कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के कार्यक्रम में हस्तक्षेप से इनकार किया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग का आचरण ऐसा होना ही चाहिए जिससे वह निष्पक्ष दिखे; वह संवैधानिक दायित्वों को निभाने में विफल रहा है। कोर्ट ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने आवश्यक स्पष्टीकरण के बगैर पंचायत चुनावों को तीन चरणों की बजाय एक चरण में कराने का फैसला किया, जिससे संदेह उत्पन्न होता है।राज्य में पहले एक, तीन व पांच मई को तीन चरणों में चुनाव होने थे, लेकिन नामांकन प्रक्रिया के दौरान तृणमूल कार्यकर्ताओं की ओर से कथित रूप से बड़े पैमाने पर हिंसा के आरोप में विपक्ष ने कलकत्ता हाईकोर्ट की शरण ली। पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए वोट तो इस महीने की 14 तारीख़ को पड़ेंगे। विपक्षी पार्टी बीजेपी, सीपीएम और कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस पर बड़े पैमाने पर आतंक फैलाने और विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने से रोकने का आरोप लगाया है।