राष्ट्रीय राइफल्स के शहीद जवान औरंगजेब का पार्थिव शरीर उनके गांव मेंढर तहसील के सलानी गांव पहुंचा। जवान के पार्थिव शरीर को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी। गांव के लोगों में जवान को खोने के गम के साझ-साथ गुस्सा भी दिखाई दिया। कहां शहीद जवान औरंगजेब परिवार के साथ ईद मनाने के लिए घर लौट रहे थे और घर में भी ईद की तैयारियां चल रही थीं। लेकिन त्यौहार के दिन के दिन वो आए, पर तिरंगे में लिपटे हुए। उनकी शहादत पर पिता हनीफ ने सरकार से बदला लेने की मांग की है।बेटे की शहादत पर औरंगजेब के पिता हनीफ ने कहा कि उनका बेटा एक बेटा शहीद हो गया है लेकिन उनका बड़ा बेटा भी फौज में है। जवान के पिता ने आगे कहा कि हम सब देश पर कुर्बान होने के लिए तैयार हैं। साथ ही मोहम्मद हनीफ ने केंद्र सरकार को कहा कि मोदी सरकार आतंकियों को मारकर बेटे की शहादत का बदला ले वरना वह खुद बदला लेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि वह अपने दूसरे बेटों को भी सेना में भेजेंगे। शहीद औरंगजेब के पिता ने दूसरे लोगों से भी अपने बेटों को सेना में भजेने की अपील की है। हनीफ ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए भारत से कश्मीर को कभी कोई (पाकिस्तान) नहीं छीन सकता। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसे कोई अलग नहीं कर सकता है।आपको बता दें ईद मनाने के लिए घर आ रहे औरंगजेब को गुरुवार की सुबह आतंकियों ने पुलवामा के कलामपोरा में अगवा कर लिया था। बाद में उनकी लाश कलामपोरा से 10 किलोमीटर दूर गुसु गांव में मिली थी। उनके सिर और गले में गोली मारी गई थी। शहीद जवान औरंगजेब 4 जम्मू और कश्मीर की लाइट इंनफेंट्री में थे और उनकी पोस्टिंग 44 राष्ट्रीय राइफल्स कैंप के शादीमार्ग के शोपियां में थी। वह मेजर रोहित शुक्ला की टीम का हिस्सा थे, जिस टीम ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी समीर टाइगर को मार गिराया था।