हालांकि, लोगों का कहना है कि स्थानीय दुकानों से देशी शराब खरीद पीने वालों की एक हफ्ते में करीब 14 लोगों की मौत हो चुकी है। लोगों का आरोप है कि यह दुकानें सालों से पुलिस की नाक के नीचे धड़ल्ले से चल रही है, लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इलाके के एक निवासी ने कहा, इलाके के करीब 14 लोग बीते एक सप्ताह में देशी शराब पीने की आदत से मौत का शिकार हुए हैं। इनमें से ज्यादातर दुकानों पर जाते थे। हमें यकीन है कि मौत का कारण जहरीली शराब है।
जहरीली शराब पीने की वजह से मंगलवार को तीन लोगों की मौत हो जाने से भीड़ ने बरूईपुर के घोलाबाजार में सड़क किनारे शराब की दुकानों में तोडफ़ोड़ की और आग लगा दी। भीड़ ने प्रशासन से अवैध व्यापार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
विरोध करने वाले एक व्यक्ति ने कहा, मेरे पिता को देशी शराब की लत थी। वह बीते रोज इस दुकान से शराब खरीदकर पीने के बाद बीमार पड़े और शाम में उनकी मौत हो गई। हमारी मांग है कि पुलिस शराब व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई करे।
पुलिस ने कहा कि सिर्फ पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के कारणों का पता चल सकता है और वह इलाके में लगातार छापेमारी कर रही है। बरूईपुर पुलिस थाने के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, पुलिस के पास इलाके की 9 मौतों की रिपोर्ट नहीं है। हमें सिर्फ एक शव मिला है, जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही पता चल सकेगा कि उसकी मौत शराब पीने से हुई है या नहीं।