नई दिल्ली. अब केंद्र के अफसर और केंद्र सरकार के मंत्री अपनी गाड़ियों पर लाल बत्ती नहीं लगा सकेंगे। कैबिनेट ने यह फैसला किया है। यह फैसला 1 मई से लागू किया जाएगा हालांकि, राज्य में यह फैसला लागू करना वहां की सरकारों पर छोड़ दिया गया है। नितिन गडकरी ने कहा है कि 1 मई से पीएम और सभी मिनिस्टर्स की गाड़ियों से हटा दी जाएगी। इसका इस्तेमाल सिर्फ इमरजेंसी सर्विस व्हीकल्स पर ही किया जाएगा। बताया जा रहा है कि लाल बत्ती का इस्तेमाल खत्म करने के लिए रोड एंड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टरी काफी वक्त से काम कर रही थी। पीएमओ में यह मामला करीब डेढ़ साल से पेंडिंग था। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पीएमओ ने एक मीटिंग भी की थी, जिसमें कई बड़े ऑफिसर्स से बात की थी। फैसला कैसे लागू किया जाए इस पर ट्रांसपोर्ट मिनिस्टरी ने अपनी अोर से पांच ऑप्शन दिए थे। ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने पीएमओ को जो ऑप्शन दिए उनमें पहला यह था कि लाल बत्ती का इस्तेमाल सभी के लिए बंद कर दिया जाए। दूसरा यह कि प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट, पीएम और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और लोकसभा स्पीकर को इसकी इजाजत दी जाए। पंजाब में हाल ही में बनी कांग्रेस सरकार ने लाल बत्ती का इस्तेमाल पूरी तरह बैन कर दिया है। सीएम अमरिंदर सिंह ने अपनी पहली ही कैबिनेट मीटिंग में यह फैसला किया था। इसके तहत राज्य का कोई भी अफसर, मंत्री या विधायक अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती नहीं लगा सकेगा। बता दें कि पंजाब असेंबली इलेक्शन से पहले आम आदमी पार्टी ने भी वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो वो लाल बत्ती कल्चर खत्म कर देंगे।