आज से इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रोफी की शुरुआत हो रही है। इस टूर्नमेंट में 18 दिन बाद चैंपियंस ट्रोफी का विजेता मिल जाएगा। अभी भारतीय टीम चैंपियंस ट्रोफी विजेता है, जो इस टूर्नमेंट में अपना खिताब बचाने उतरी है। इससे पहले किसी भी टीम ने बैक टू बैक यह खिताब अपने नाम नहीं किया है। क्या भारतीय टीम कर पाएगी ऐसा या कोई दूसरी टीम जमाएगी इस खिताब पर कब्जा। यहां देखें कितने पानी में है कौन सी टीम…
इंग्लैंड
अपने घर में खेल रही इंग्लैंड पिछली बार इस ट्रोफी की उपविजेता टीम थी। साल 2013 में भी यह टूर्नमेंट में इंग्लैंड में ही खेला गया था, लेकिन फाइनल में उसे भारत ने हराकर इस खिताब पर अपना नाम लिखा था। एक बार फिर इंग्लैंड की टीम अपनी पूरी ताकत से इस खिताब पर कब्जा जमाने उतरी है। इंग्लैंड की यह टीम संतुलित है और अपनी घरेलू कंडिशंस में वह हर दूसरी टीम पर भारी पड़ने का माद्दा रखती है। बैटिंग में टीम के पास कप्तान इयोन मॉर्गन, जॉस बटलर और जेसन रॉय सरीखे बल्लेबाज हैं, तो वहीं बेन स्टोक्स, मोइन अली और क्रिस वोक्स ऑलराउंडर की भूमिका में हैं। वहीं बोलिंग की कमान लियाम प्लंकिट, मार्क वुड और आदिल रशीद के हाथ में होगी।
ये होंगे इंग्लैंड के खास प्लेयर: जो रूट, बेन स्टोक्स, इयोन मॉर्गन, क्रिस वोक्स
भारत
भारतीय टीम इस टूर्नमेंट की फेवरिट मानी जा रही है। भारतीय टीम बैटिंग, बोलिंग और फील्डिंग (खेल के तीनों ही क्षेत्र) में बेहतरीन है। टीम के पास विराट, धवन, रोहित शर्मा, एम. एस. धोनी, दिनेश कार्तिक सरीखे बैट्समैन हैं, तो वहीं रविंद्र जाडेजा, हार्दिक पांड्या और रविचंद्रन अश्विन सरीखे ऑलराउंडर बैटिंग-बोलिंग दोनों से जोहर दिखाने के लिए तैयार हैं। वहीं भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी और उमेश यादव की तिकड़ी गेंदबाजी में शानदार लय में है। भारतीय टीम अगर अपना स्वभाविक खेल खेलती है, तो वह हर हाल में अपना खिताब बचाने में कामयाब हो जाएगी।
ये होंगे भारत के खास प्लेयर: विराट कोहली, रविंद्र जाडेजा, एम. एस. धोनी, भुवनेश्वर कुमार
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया की टीम हमेशा से अपने जुझारू व्यवहार के कारण किसी भी टीम को कड़ी चुनौती पेश करती है। कंगारू टीम आखिरी गेंद तक मैच का पीछा नहीं छोड़ती और उसकी इसी खासियत ने उसे हर बड़े टूर्नमेंट में अहम टीम बनाया है। कंगारू टीम भी अपनी बेस्ट टीम लेकर टूर्नमेंट में उतरी है और उसका फोकस पूरी तरह से खिताब पर है। स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर, एरॉन फिंच, ट्रैविस हेड और ग्लेन मैक्सवेल जैसे खिलाड़ी टीम को अंत तक बल्लेबाज में गहराई देते हैं।
वहीं मिशेल स्टार्क, जोश हेजलवुड और पैट कमिंस के हाथ में बोलिंग की कमान होगी। स्पिन गेंदबाज के रूप में युवा एडम जाम्पा भी प्रभावी गेंदबाज हैं। हालांकि स्टार्क के अलावा बोलिंग में ऑस्ट्रेलिया के पास उतनी अनुभवी धार नहीं है, जिसके लिए वह हमेशा जानी जाती है, लेकिन एक टीम के रूप में मिलजुलकर प्रदर्शन करने की उसकी आदत के चलते वह टूर्नमेंट की मजबूत टीमों में ही गिनी जा रही है।
कंगारू खेमे से ये खिलाड़ी होंगे अहम: स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर, मिशेल स्टार्क, ग्लेन मैक्सवेल