मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश का माहौल बहुत ही खराब है। चारों तरफ हिंसा और असहिष्णुता का बोलबाला है। अगर इस सब से छुटकारा मिल जाय तो समाज कितना ऊपर जायेगा। लोगों को भावनात्मक मुद्दों से को भ्रमित करने की कोशिश हो रही है। ऐसे हालात में युवाओं को सजग रहने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री शनिवार को ज्ञान भवन में पाटलिपुत्रा राष्ट्रीय युवा संसद के उदघाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार में राजनीति की बातें तो हरेक जगह होती है, लेकिन समाज सुधार पर लोगों का ध्यान नहीं जाता है। आर्थिक प्रगति हो जाने से समाज का संस्कार नहीं बदल सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में राजनीति का आकर्षण सबसे ज्यादा है। इसके पीछे की वजह यह है कि पाटलिपुत्र से ही लंबे समय तक पूरे देश पर शासन किया जाता था। मगध साम्राज्य की सीमाएं भारत की मौजूदी सीमाओं से भी ज्यादा थीं। इसलिए यहां के लोगों के दिल-दिमाग पर राजनीति की स्पष्ट छाप दिखती है, लेकिन इससे सामाजिक अभियान पीछे छूट गया। महात्मा गांधी 10 अप्रैल 1917 को निलहे किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए पहली बार बिहार आए। तब उन्होंने राजनीतिक आंदोलन के साथ-साथ सामाजिक भेदभाव के खिलाफ भी लोगों को जागृत किया। उन्होंने लोगों को शिक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य का महत्व समझाया। बिहार में फिर से सामाजिक आंदोलन की जरूरत है। दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, नशा और बालविवाह के खिलाफ लोगों में जागृति आनी चाहिए।