एनआइए ने जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकी सगंठनों को आर्थिक मदद करने के आरोप में 7 हुर्रियत नेताओं को मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। अदालत ने इन अलगाववादियों को 18 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। बता दें कि सोमवार को इन नेताओं को एनआइए ने गिरफ्तार किया था। इन सात लोगों में बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ फंटूस, शहीद उल इस्लाम सहित दूसरे हुर्रियत नेता भी शामिल हैं। इससे पहले दिल्ली लाए गए सभी हुर्रियत नेताओं को एनआईए ने सीजीओ कॉन्प्लेक्स स्थित सीबीआई हेडक्वार्टर के अंडर ग्राउंड लॉकअप में रखा गया। जानकारी के मुताबिक एनआईए इन सातों आरोपियों को रिमांड पर लेकर एक बार फिर गहन पूछताछ करेगी। हालांकि इससे पहले एनआईए बिट्टा कराटे, नईम खान, गाजी जावेद बाबा, अल्ताफ फंटूश और शहीद उल इस्लाम से लंबी पूछताछ कर चुकी है। एनआईए से मिली जानकारी के मुताबिक इस पूछताछ में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों ने पाकिस्तान से हो रही फंडिंग की बात कबूली है। एनआईए ने देश के अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर अहम दस्तावेज इकट्ठा किए हैं। जानकारी के मुताबिक एनआईए के करीब 215 अधिकारी और कर्मचारी इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। जिसमें 8 SP स्तर के अधिकारियों की टीमें बनी हैं, वहीं 3 डीआईजी और 2 IG स्तर के अधिकारी इस पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं। आतंकी फंडिंग जहां एक ओर उरी और पुंछ के जरिए ट्रेड के द्वारा पाकिस्तान की तरफ से करोड़ों रुपए भेजे जा रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ हवाला के जरिए आतंकियों के पास पैसे भेजे जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक शहीदुल इस्लाम जो मीरवाइज उमर फारूक का सबसे करीबी है, उसके सीधे संबंध हिजबुल मुजाहिद्दीन के चीफ सैयद सलाउद्दीन से हैं। आने वाले समय में एनआईए हुर्रियत के बड़े नेताओं से पूछताछ कर सकती है।