पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के मॉल की मिट्टी पटना जू द्वारा खरीदने के मामले की सीएजी जांच शुरू हो गयी है. गुरुवार को सीएजी के चार सदस्यों की टीम जू परिसर पहुंची. टीम द्वारा सारी फाइलें खंगाली गयीं. करीब चार घंटे तक टीम ने मॉल की मिट्टी कब-कब आयी थी और कितने का टेंडर हुआ था, इसकी जांच की. टीम ने जू का खाता भी चेक किया और शुरुआती जांच के बाद रिपोर्ट को सीएजी मुख्यालय को सौंपने की तैयारी कर रही है. सीएजी के एक सदस्य ने बताया कि जांच शुरू हो गयी है. हमलोग गुरुवार से जांच शुरू की है.
इस कारण अभी इस प्रकरण में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. हालांकि, जू के निदेशक नंदकिशाेर ने इससे इंकार किया है. मालूम हो कि उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कुरसी संभालने के बाद जांच कराने का फैसला किया था.
मोदी ने ही इस विषय का खुलासा करते हुए सवाल उठाया था कि क्या कोई मंत्री अपनी जमीन की मिट्टी को अपने विभाग के लिए खरीद सकता है ? क्या बिना टेंडर के 90 लाख रुपये की वस्तु सरकारी विभाग में खरीदी जा सकती है? इसके बाद उन्होंने पद संभालते ही जांच कराने का फैसला किया था.
मॉल की मिट्टी जू में 4500 रुपये प्रति हाइवा की दर से फेंकी गयी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वन विभाग द्वारा राजद सुप्रीमो के मॉल से 4500 रुपये प्रति हाइवा के दर से मिट्टी खरीदी गयी थी. इसी मिट्टी को खरीदने के लिए विचार-विमर्श के बाद अधिकारियों ने चिड़ियाघर को सुंदर बनाने का एक ऑफिशियल प्लान और एस्टीमेट तैयार किया था, जिसमें लगभग 90 लाख रुपये का बजट रखा गया. सौंदर्यीकरण के नाम पर प्लान के तहत चिड़ियाघर में मिट्टी की पगडंडी बनायी गयी, जिसमें शॉपिंग मॉल बनने वाली जगह से निकली मिट्टी खपाने का आरोप है. इस दौरान जू में रात भर हाइवा चलाये गये और इससे सारे वन्य जीव प्रभावित हुए थे, जो जूलॉजिकल जोन में रहते हैं. जू के निदेशक का उस वक्त बयान था कि नया ट्रेल बनाने का काम बॉटनिकल क्षेत्र में हो रहा है, इस कारण परेशानी नहीं हो रही है और उन्होंने मिट्टी कहां से खरीद कर लायी गयी थी, इससे कुछ भी लेने-देने से इंकार किया था. उन्होंने यह भी कहा था कि करीब दो किलोमीटर में थीम बेस्ड गार्डेन डेवलप किया जा रहा है.