रियो ओलंपिक में देश के लिए रजत पदक जीतने वाली पीवी सिंधू और उनके कोच पुलेला गोपीचंद का रिश्ता आज शिक्षक दिवस के दिन उल्लखनीय है. पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन के ऐसे कोच हैं, जिन्होंने अपनी ट्रेनिंग से देश को साइना नेहवाल, पीवी सिंधू और किदांबी श्रीकांत जैसे खिलाड़ी दिये.
पीवी सिंधू ने अनोखे अंदाज में दी शुभकामनाएं
आज शिक्षक दिवस के मौके पर पीवी सिंधू ने अनोखे अंदाज में अपने कोच को शिक्षक दिवस के दिन याद किया है. एक वीडियो संदेश में पीवी सिंधू कहती नजर आती हैं- आई हेट माई टीचर. इस वीडियो संदेश में वह कहतीं नजर आ रही हैं कि मेरे कोच मेरे दर्द की वजह हैं. इसलिए मैं उनसे नफरत करती हूं. वे तब खुश होते हैं जब मेरा पसीना बहता है. मैं उनसे नफरत करती हूं क्योंकि वे मुझपर जरूरत से ज्यादा विश्वास करते हैं. अंतिम में वे कहती नजर आ रही हैं थैंक्यू कोच.
साइना-सिंधू को दिलायी ख्याति
पुलेला गोपीचंद ने साइना नेहवाल और पीवी सिंधू को बैडमिंटन की दुनिया में जीतना सिखाया और उनके मार्गदर्शन में दोनों अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी बनीं. पीवी सिंधू ने ओलपिंक में जो रजत पदक जीता उसका श्रेय गोपीचंद को ही जाता है, वहीं साइना नेहवाल की नंबर वन रैंकिंग में भी गोपीचंद का ही हाथ है. हालांकि साइना का गोपीचंद से बीच में विवाद हुआ था, लेकिन अब वह फिर गोपीचंद के पास लौटना चाहती है, यह गोपीचंद की खूबी है.
पीवी सिंधू को बचाया विवाद से
जब पीवी सिंधू ओलंपिक का पदक जीत आयीं, तो तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच विवाद शुरु हो गया था. दोनों प्रदेश उसे लेकर अपना-अपना दावा ठोंकने लगे थे, उस वक्त पुलेला गोपीचंद ने यह कहकर पीवी सिंधू का पक्ष रखा था कि वह पूरे हिंदुस्तान की है. पुलेला गोपीचंद प्रकाश पादुकोण के बाद दूसरे ऐसे भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 2001 में आल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीता था. आज उनके बैडमिंटन एकेडमी से एक से एक खिलाड़ी निकल रहे हैं, जो देश के भविष्य हैं.