गया : बिहार में गया के चर्चित रोडरेज मामले में सभी दोषियों की सजा पर एडीजे-1 की अदालत बुधवार की दोपहर फैसला सुनायेगी. इससे पहले 31 अगस्त को आदित्य हत्याकांड में सुनवाई करते हुए गया की अदालत ने मुख्य आरोपी रॉकी यादव समेत चार आरोपियों को दोषी करार दिया था. अदालत इन चारों आरोपियों की सजा पर फैसला आज करेगी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद गया के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश सच्चिदानंद प्रसाद सिंह की अदालत ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया था. इस मामले में मुख्य आरोपी रॉकी यादव जदयू की निलंबित एमएलसी मनोरमा देवी का बेटा है.
साइड नहीं देने पर वारदात को दिया गया था अंजाम
रॉकी पर 12वीं के छात्र आदित्य सचदेवा की गोल मारकर हत्या करने का आरोप था. रॉकी यादव ने आदित्य सचदेवा की हत्या सिर्फ इस बात पर कर दी थी क्योंकि उसने रॉकी की कार को ओवरटेक किया था. घटना 7 मई, 2016 की है. इस दिन आदित्य अपने दोस्तों के साथ बोधगया से गया अपनी ही कार से लौट रहा था. सफर के दौरान रास्ते में रॉकी यादव से साइड देने को लेकर झगड़ा हुआ और रॉकी ने उसे गोली मार दी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए निर्देश दिया था कि 11 सितंबर से पहले इस मामले में फैसला आ जाना चाहिए.
मनोरमा देवी का बॉडीगार्ड व पति बिंदी यादव भी दोषी करार
मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित की गयी थी जिसने आदित्य की गाड़ी सहित, खून के धब्बे और रॉकी की जब्त पिस्टल को भी फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा था. मामले में रॉकी यादव के साथ रहे टेनी यादव और एमएलसी एक बॉडीगार्ड को भी रॉकी के साथ जेल भेजा गया था. अदालत ने मामले में रॉकी के पिता बिंदी यादव और बॉडीगार्ड को भी दोषी करार दिया है. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सच्चिदानंद प्रसाद सिंह की अदालत ने मुख्य अभियुक्त रॉकी यादव को आइपीसी की धारा 302 के तहत दोषी करार दिया है. इसके अलावा चचेरे भाई टेनी यादव और बॉडीगार्ड को भी आइपीसी के तहत दोषी ठहराया है और पिता को धारा 212 के तहत आरोपी को शरण देने का दोषी करार दिया है.
हो सकती है आजीवन कारावास
मीडिया रिपोर्ट में अदालती सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि गया शहर के प्रसिद्ध व्यवसायी श्याम सुंदर सचदेव के पुत्र आदित्य सचदेव की हत्या मामले के दोषी राकेश रंजन यादव उर्फ रॉकी यादव, उसके चचेरा भाई राजीव कुमार उर्फ टेनी यादव और उसकी मां मनोरमा देवी का सरकारी बॉडीगार्ड राजेश कुमार को प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सच्चिदानंद सिंह की अदालत से आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.
आर्म्स, मारपीट, नुकसान पहुंचाने के मामले में भी होगी सजा तीनों दोषियों को जान बूझकर चोट पहुंचाने और आर्म्स एक्ट के मामले में भी सजा सुनायी जायेगी. जबकि सरकारी बॉडीगार्ड को सरकारी सेवक होने के बावजूद कानून के खिलाफ काम करने के आरोप में सरकारी सजा मिल सकती है. इधर, अभियुक्तों को शरण देकर भगाने एवं पुलिस को गलत जानकारी देने के मामले में दोषी उसके पिता बिंदेश्वरी प्रसाद यादव उर्फ बिंदी यादव को एडीजे-1 की अदालत से कम से कम तीन साल की सजा हो सकती है.