गया : पितृपक्ष महासंगम में गया श्राद्ध के पहले दिन बुधवार को सुबह से ही फल्गु नदी घाट, विष्णुपद मंदिर व मेला क्षेत्र में भीड़ उमड़ पड़ी. देश के काेने-काेने से आये पिंडदानियों ने कर्मकांड के साथ फल्गु नदी में अपने पितरों को तर्पण किया. एक अनुमान के मुताबिक, करीब 50 हजार तीर्थयात्री गयाधाम श्राद्धकर्म के निमित्त पहुंच चुके हैं.
इनमें पिंडदानियाें की संख्या करीब 10,000 होगी. इनमें अधिकतर तीर्थयात्री 17 दिनी यानी तीन पक्षीय श्राद्ध कर्म करनेवाले हैं. तीर्थयात्री इस तरह फैले थे, जैसे लग रहा था जनसैलाब उमड़ पड़ा हाे. पहले दिन ही काफी संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने की संभावना न जिला प्रशासन काे थी आैर न ही पंडा समाज को. गौरतलब है कि इस बार गदाधर घाट व देवघाट का विस्तार कर संगत घाट तक बढ़ाया गया है. उधर, श्मशान घाट तक भी थाेड़ा विस्तार किया गया है.
ताकि, भीड़ बढ़ने पर लोग उस जगह पर भी बैठ कर पिंडदान कर सकें. विष्णुपद मंदिर में भीड़ ऐसी थी कि चींटी सरकने की भी जगह नहीं मिल पा रही थी. ऊपर से धूप इतनी कड़ी कि खुले में बैठे लाेग चटाई व अन्य सामान का इस्तेमाल सिर ढकने के लिए करते देखे गये.
मसलन, यों कहें कि कड़ी धूप भी आस्था काे डिगा न सकी. मेले की स्थिति काे देखने व उनकी परेशानियाें काे समझने के लिए डीएम कुमार रवि भी दल-बल के साथ देवघाट, संगत घाट, फल्गु नदी व श्मशान घाट का निरीक्षण करते अक्षयवट तक चले गये. डीएम ने यात्रियाें से अपील की कि कृपया प्लास्टिक न फेंकें. सफाई पर विशेष बल देने की हिदायत कर्मचारियों को दी.