नई दिल्ली. पाकिस्तान आतंकवादी वित्तपोषण और धनशोधन के मामले में दुनिया के 50 सबसे खराब देशों की सूची में शामिल है। स्विट्जरलैंड की बेसल इंस्टीट्यूट ऑन गवर्नेस ने एक रिसर्च के बाद इस बात खुलासा किया है। रिसर्च में पाकिस्तान को 146 देशों की सूची में 46वां स्थान मिला है, जहां पर धनशोधन व आतंकवादी वित्त पोषण के ज्यादा अवसर हैं। बेसल एएमएल इंडेक्स ने धनशोधन व सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध स्रोतों से देशों में आतंकवादियों के वित्तपोषण जोखिमों को मापा है।बेसल एएमएल इंडेक्स 2017 ने पाकिस्तान को 6.64 अंक दिए हैं। दूसरे सबसे खराब देशों में ईरान (8.6), अफगानिस्तान (8.38), गिनी-बिसाउ (8.35), तजाकिस्तान (8.28), लाओस (8.28), मोजांबिक (8.08), माली (7.97), यूगान्डा (7.95) व कंबोडिया (7.94) शामिल हैं।यह समूह भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के साथ काम करता है। इसने अगस्त के तीसरे सप्ताह में अपनी वार्षिक एंटी मनी लांड्रिंग (एएमएल) सूची 2017 जारी की है और इसके कुछ निष्कर्षो को अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने रिपोर्ट किया है। इस अध्ययन के अनुसार बैंक व अन्य वित्तीय संस्थाओं की सबसे प्रभावी निगरानी के मामले में फिनलैंड को सबसे बेहतर पाया गया।
विदेश मंत्री ने स्वीकारा पाक में हैं आतंकी
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि अगर लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों पर लगाम नहीं लगाई गई तो देश शर्मिंदगी का सामना करता रहेगा। आसिफ का बयान ब्रिक्स घोषणापत्र के दो दिन बाद आया था, जिसमें पहली बार पाकिस्तान से संचालित हो रहे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधित संगठनों का नाम लिया गया था। अमरीकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने पाक को फटकार लगाई थी कि वह हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी समूहों को आतंक फैलाने के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल करने देता है।
पाक आर्मी चीफ ने दी थी सफाई
आतंकवाद पर बेनकाब होने के बाद गुरुवार को पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा था कि हमारे तमाम प्रयासों, कई अनगिनत बलिदानों और दशकों तक चली जंग के बावजूद, हमें कहा जा रहा है कि हमने आतंकवाद के खिलाफ पर्याप्त कदम नहीं उठाए। अगर इस जंग में पाकिस्तान ने नाकाफी कदम नहीं उठाए तो दुनिया के किसी भी देश ने कुछ भी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हमारे पास आतंकियों से निपटने के सीमति साधन हैं, फिर भी हमने आतंक पर काबू करने की कामयाबी हासिल की है। ऑपरेशन शेर दिल से लेकर, राहे रास्त, राहे निजात, जर्बे अजब और अब रद्द-उल-फसाद में हमने कामयाबी के लिए काफी खून बताया है। अब दुनिया से यही कहना चाहता हूं कि वो कुछ करे, क्योंकि हम अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।