व्हाट्सएप और फेसबुक भी यूपीआइ पर काम करने वाला पेमेंट एप लांच करने के लिए एनपीसीआइ से बातचीत कर रही हैं
नई दिल्ली (पीटीआई)। अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल अपने पेमेंट एप ‘तेज’ को सोमवार को लांच करने जा रही है। भारत में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल पेमेंट सेगमेंट का फायदा उठाने के लिए कंपनी ने यह पहल की है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी की ओर से दी गई सूचना के मुताबिक केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली गूगल के पेमेंट एप को लांच करेंगे।
पिछले जुलाई में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआइ) ने कहा था कि गूगल ने अपनी यूपीआइ पेमेंट सर्विस के परीक्षण का काम पूरा कर लिया है। इस कंपनी को देश में पेमेंट सर्विस लांच करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति मिलने का इंतजार है। गूगल ने भी हाल में पेमेंट एप की लांचिंग की जानकारी दी है।
दूसरी टेक्नोलॉजी कंपनियां जैसे व्हाट्सएप और फेसबुक भी यूपीआइ पर काम करने वाला पेमेंट एप लांच करने के लिए एनपीसीआइ से बातचीत कर रही हैं। सरकार ने एनपीसीआइ को देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए लांच किया है। पिछले साल नोटबंदी के बाद करेंसी की कमी होने पर अनायास लोग डिजिटल पेमेंट की ओर रुख करने लगे। यूपीआइ के जरिये लोग वर्चुअल एड्रेस का इस्तेमाल करके एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। इस चैनल से पैसा ट्रांसफर करने के लिए बैंक एकाउंट नंबर, आइएफएस कोड या एमएमआइडी की जरूरत नहीं होती है।
यह है यूपीआई
यूपीआई एक पेमेंट सिस्टम है, जिसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने लॉन्च किया था। इसे रिजर्व बैंक नियंत्रित करता है। यूपीआई सिस्टम से मोबाइल प्लेटफॉर्म पर दो बैंक खातों के बीच तत्काल पैसे की लेन-देन की सुविधा देता है।
जानिए तेज से जुड़ी अहम बातें
तेज पेटीएम की तरह का मोबाइल वॉलेट नहीं है, जहां आप पैसे एप में स्टोर कर सकते हैं। यह एप्पल या पश्चिमी देशों में उपयोग होने वाले वॉलेट की तरह है, जिसमें आपका बैंक एकाउंट फोन से लिंक होता है। यह फोन के जरिये बैंक एकाउंट से भुगतान करने की सुविधा देता है।
इस एप को एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सहित वे सारे बैंक सपोर्ट करेंगे, जो यूपीआई को सपोर्ट करते हैं।
ऑनलाइन पेमेंट पार्टनर्स में डोमिनोस जैसी बड़ी फूड चेन, रेडबस और जेट एयरवेज जैसी परिवहन सेवाएं शामिल हैं।
भारतीय बाजार के कई हिस्सों को कवर करने के लिए एप अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मराठी, तमिल और तेलुगु भाषा में उपलब्ध होगी।
इस एप के जरिये रोजाना एक लाख रुपए और दिन में 20 ट्रांसफर करने की सीमा तय है।