म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची रोहिंग्या संकट पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए देश को संबोधित करेंगी। इस दौरान वह स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के रोहिंग्या मुस्लिमों के लिए पैदा हुए मानवीय संकट के सवालों का भी जवाब देंगी, जिसकी वजह से अब तक तकरीबन 4 लाख से ज्यादा रोहिंग्या देश छोड़कर भागने को मजबूर हुए हैं। सू ची के प्रवक्ता जॉ ते ने मीडिया से कहा कि वह दुनिया को पूरा सच बताने जा रही हैं।
म्यांमार के सूचना मंत्रालय के मुताबिक सू ची स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 10 बजे (भारतीय समय के अनुसार सुबह 9 बजे) म्यांमार के इंटरनैशनल कन्वेंशन सेंटर-2 से देश को संबोधित करेंगी। इस दौरान म्यांमार सरकार के उच्च अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
लगभग एक महीने से चल रही हिंसा और उसपर सू ची की चुप्पी को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में काफी गुस्सा देखने को मिल है। हालांकि, म्यांमार में सूची के समर्थकों का कहना है कि उनका सेना पर कोई अधिकार नहीं है। बता दें कि 25 अगस्त को शुरू हुई सेना की कार्रवाई के बाद से अब तक 4 लाख 10 हजार रोहिंग्याओं ने बांग्लादेश में शरण ली है। रोहिंग्या चरमपंथी समूहों द्वारा सेना और पुलिस पोस्ट पर हमलों के बाद से ही यह हिंसा जारी है।
इस हिंसा की वजह से 30 हजार बौद्धों और हिंदुओं को भी अपना घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है। इस हिंसा को रोकने में असफल सू ची से नोबेल पुरस्कार वापस लेने तक की मांग उठ रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव की वजह से ही सू ची संयुक्त राष्ट्र महासभा में शामिल होने के लिए न्यू यॉर्क नहीं गईं हैं।