पटना: बिहार में महागठबंधन में मुश्किलें बढ़ते ही जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के जीतनराम मांझी ने रविवार को बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अगर विधानसभा में हमारे 70 विधायक होते हैं तो सीएम हमारे समाज का होगा. इस बयान से उन्होंने इशारों में ही सीएम पद की दावेदारी कर दी है. वहीं, अब तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री पद को लेकर भी मांझी ने सवाल खड़ा कर दिया है.
मांझी के इस बयान को लेकर अब बिहार में सियासत शुरू हो गई है और सहयोगी भी उन्हें नसीहत दे रहे हैं. उनके बयान पर आरजेडी के सांसद जयप्रकाश नारायण ने कहा है कि मांझी को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए. इस तरह के बयान की जरूरत नहीं है और बीजेपी को भगाना, देश को बचाना है. तेजस्वी यादव बिहार के सभी गठबंधन के विपक्ष के नेता हैं और वहीं मुख्यमंत्री होंगे.
जीतन राम मांझी
आरजेडी विधायक निखिल आनंद ने कहा है कि मांझी लेकसभा में अधिक सीटों की सोच रहे हैं इसलिए वो ऐसा बोल रहे हैं. अपने बेटे को भी उन्होंने विधान परिषद भेज दिया है. इन्हें दलितों से मतलब नहीं है. वहीं, आरजेडी विधायक विजय प्रकाश ने कहा है कि मांझी जी विपक्ष की रीढ़ हैं और दलितों के हितैषी हैं.
वहीं, जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि जीतन राम मांझी कैसी बातें कर रहे हैं? वो महागठबंधन और तेजस्वी के माता पिता के साथ हैं. उनके शासनकाल में दलितों का नरसंहार हुआ है और वो दोहरी बातें कर रहे हैं.
जीतन राम मांझी के लगातार आ रहे बयानों से लग रहा है कि वह महागठबंधन के फॉर्मूले और अन्य दलों के नेताओं से नाराज हो गए हैं. इसलिए जहां वह महागठबंधन को एक जुट करने की बात करते हैं. लेकिन इससे अलग वह लगातार गठबंधन से अलग बयान दे रहे हैं. उन्होंने अनंत सिंह को लेकर भी बयान दिया था कि वह अपनी पार्टी में उनका स्वागत करते हैं. जबकि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने साफ कहा था कि उनकी एंट्री नहीं हो सकती है.