मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में लगातार हो रही बारिश ने नगर निगम की पोल खोल दी है. पूरा शहर पानी-पानी हो चुकी है. लगातार हो रही बारिश और नगर निगम की लापरवाही की वजह से जिल में स्थित उत्तर बिहार के प्रसिद्ध संतोषी माता के मंदिर में नाले का पानी और बरसात का पानी घुस गया है. ट्रैफिक पुलिस सड़क पर जलजमाव में ही काम करने को मजबूर हैं. आम लोग भी पानी से होकर गुजरने को मजबूर हैं और उन्हें काफी परेशानी हो रही है. इनकी परेशानियों को सुनने वाला कोई नहीं है. मंगलवार से ही रुक-रुक कर हो रही बारिश ने सड़कों को तलाब में तब्दील कर दिया है.
आलम यह है कि शहर के मुख्य बाजार मोतीझील, कल्याणी और धर्मशाला चौक समेत कई सड़कों पर बरसात का पानी लग चुका है. ये लोगों के लिए आफत का सबब बन हुआ है. कई दुकानों में भी पानी घुस गया है और दुकानदार पानी में कुर्सी लगाकर बैठे दिखे. इसके साथ ही सावन के महीने में भगवान शंकर की पूजा करने आने वाले श्रद्दालुओं को भी काफी परेशानी हो रही है. सड़क पर नाली का पानी जमा होने की वजह से धर्मशाल चौक स्थित मंदिर में लोग नहीं आ रहे हैं.
मुजफ्फरपुर में बाढ़ से अबतक दो की मौत
मंगलवार को मिली जानकारी के मुताबिक बिहार के 12 जिलों में आई बाढ़ से 106 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 80 लाख 85 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित है. आपदा प्रबंधन विभाग मिली जानकारी के मुताबिक, बिहार के 12 जिलों शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार में अब तक 106 लोगों की मौत हुई है जबकि 80 लाख 85 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हुई. बाढ़ से मरने वाले 106 लोगों में सीतामढी के 27, मधुबनी के 25, अररिया के 12, शिवहर एवं दरभंगा के 10-10, पूर्णिया के 9, किशनगंज के 5, सुपौल के 3, पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर के 2-2 और सहरसा के एक व्यक्ति शामिल हैं.