लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा का 36 घंटे का ऐतिहासिक विशेष सत्र शुरू होने में कुछ ही समय बचा है। बुधवार को शुरू होने वाले इस सत्र में विपक्षी दलों की भागीदारी को लेकर संशय बरकरार है। विधानसभा का यह विशेष सत्र महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक समारोह के तौर पर शुरू होगा।
सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी (सपा) बुधवार को जीपीओ पार्क स्थित गांधी प्रतिमा पर जाकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेगी।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे। इस दौरान पार्टी के नेता गांधी की विचारधाराओं पर अपनी बात रखेंगे और उनके भजन गाएंगे।
सपा ने हालांकि इस विशेष विधानसभा सत्र का बहिष्कार करने के संबंध में कोई घोषणा तो नहीं की है, मगर इतना तो स्पष्ट है कि सभी पार्टी विधायक विधानसभा में जाने के बजाय इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।
एक सपा विधायक ने कहा, “जब राज्य सरकार गांधी की मूल विचारधाराओं को ध्वस्त करने में लगी हुई है, तब विधानसभा में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है।”
कांग्रेस ने भी यह स्पष्ट किया है कि उसका कोई भी विधायक इस सत्र में शामिल नहीं होगा।
कांग्रेस विधायक दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा, “जब वे (राज्य सरकार) लोकतंत्र की हत्या करने पर अड़े हैं, तब महात्मा गांधी के बारे में वे किस तरह की चर्चा करेंगे? राज्य में कानून व्यवस्था नहीं है। युवाओं के पास रोजगार नहीं है और सरकार इस बारे में कुछ भी करने में असमर्थ है।”
कांग्रेस इस मौके पर राज्य की राजधानी लखनऊ में जन आक्रोश मार्च निकालेगी।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने हालांकि इस ऐतिहासिक सत्र में अपने विधायकों के भाग लेने पर कोई फैसला नहीं किया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने मंगलवार को कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने विशेष सत्र के लिए अपनी सहमति दे दी है और विपक्ष को इसमें शामिल होना चाहिए।
उन्होंने कहा, “पार्टियों के बीच राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब विकास और महात्मा गांधी के योगदान की चर्चा होगी तो इसमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।”
यह सत्र पहले बिना विराम के 48 घंटे के लिए आयोजित किया जाना था, मगर अब इसका समय कम करके 36 घंटे कर दिया गया है।
दोनों सदनों के विधायकों को तीन समूहों में विभाजित किया गया है और प्रत्येक समूह सत्र में 12 घंटे के लिए भाग लेंगे।
इस सत्र के लिए विधायकों के भोजन और सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की गई है। यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम होगा।