मुंबई: क्या चाचा राज ठाकरे अपने भतीजे आदित्य ठाकरे को करेंगे चुनाव में मदद? सवाल इसलिए क्यूंकि चर्चा है कि राज ठाकरे वर्ली विधान सभा सीट पर उम्मीदवार नहीं दे सकते हैं जिससे आदित्य को निश्चित रुप से मदद होगी. मंगलवार को जारी की गई पहली लिस्ट में वर्ली सीट पर उम्मीदवार का नाम दिया गया. फ़िलहाल राज ठाकरे की पार्टी ने कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया है लेकिन आज शाम तक इस विषय पर राज ठाकरे अपना निर्णय दे सकते है.
एबीपी न्यूज़ ने वर्ली विधान सभा क्षेत्र के विभाग अध्यक्ष संतोष धुरी से बात की जो इस सीट पर एमएनएस की टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके हैं. संतोष ने कहा कि मैंने अपनी पुरी तैयारी कर रखी है लेकिन राज ठाकरे जो निर्णय लेंगे वो मुझे मान्य होगा. फ़िलहाल मुझे तैयारी कर रखने के लिए कहा गया है और नहीं लड़ने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. जब निर्णय आएगा तब देखेंगे.
दरअसल राज ठाकरे के करीबी बताते हैं कि राज ठाकरे इस विषय को राजनीति से ज़्यादा पारिवारिक दृष्टिकोण से देख रहे है. आदित्य ठाकरे परिवार के पहले सदस्य हैं जो चुनाव के मैदान में उतरे है. ऐसे में चाचा ने भतीजे को मदद करनी चाहिए ऐसा राज ठाकरे के कुछ नेता और परिवार मानता है. वहीं राजनीतिक फ़ायदे की अगर बात करें तो उम्मीदवार नहीं देने से जनता के सामने अपना बड़प्पन राज ठाकरे दिखा सकते हैं जिससे उन्हें सहानुभूति भी मिलेगी. राज ठाकरे के विरोधी उनपर अपने चाचा से ग़द्दारी करने का आरोप लगाते हैं और आदित्य को मदद करने से विरोधियों के मुंह तो बंद होंगे ही वहीं जनता के बीच एक अच्छा संदेश भी जाएगा.
राज ठाकरे के उम्मीदवार ना खड़ा करने से आदित्य को मदद जरुर होगी क्यूंकि राज ठाकरे अगर किसी के वोट काटेंगे तो शिवसेना के ही. वहीं राज ठाकरे के विरोधी कह रहे कि राज खुद उम्मीदवार न देकर एनसीपी को कहा मदद कर सकते है ‘एनसीपी नेता अजित पवार ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि वो आदित्य के सामने उम्मीदवार खड़ा करेंगे. राज अपना उम्मीदवार ना देकर एनसीपी को पर्दे के पीछे से मदद कर आदित्य के लिए मुश्किल बन सकते है.’ लेकिन राज ठाकरे को जाननेवाले लोगों का कहना है कि राज ठाकरे की स्वभाव इस तरह का नहीं कि वो आदित्य को गिराने के लिए छुपा गठबंधन करें.