पटना. मौसम विभाग ने बिहार के पटना, वैशाली, बेगूसराय और खगड़िया जिले में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। पटना प्रशासन ने अगले दो दिनों के लिए सभी शिक्षण संस्थाएं बंद करने के निर्देश दिए हैं। पिछले 72 घंटे से बारिश नहीं होने के बाद एक बार फिर दक्षिणी-पश्चिमी मानसून ने यू-टर्न लिया है। पूर्वी यूपी और पूर्वी मध्य प्रदेश पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से ट्रफ लाइन बिहार से बंगाल की ओर जा रही है। इन्हीं वजहों से एक बार फिर आफत की आहट है।
मौसम विभाग ने पटना समेत राज्य के 10 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। बुधवार को एक भी जिला अलर्ट पर नहीं था। इस सीजन में पटना के लिए पहली बार ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इससे पहले दो बार यलो अलर्ट जारी किया गया था। बिहार में बाढ़ से अब तक 73 की मौत हो चुकी है और 15 जिलों प्रखंडों में 21 लाख आबादी प्रभावित हुई है। पटना कलेक्टर रवि कुमार ने बताया कि पानी निकालने, मवेशियों के शव दफनाने और लोगों को राहत पहुंचाने में 75 टीमें जुटीं है। बाढ़ जनित बीमारियों से बचाव के लिए दवाओं का छिड़काव किए जा रहा है।
स्कूल शुक्रवार तक के लिए बंद
पटना के साथ ही वैशाली, बेगूसराय और खगड़िया के लिए भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बक्सर, भोजपुर, जहानाबाद, गया, नालंदा और नवादा के लिए यलो अलर्ट है। इस बीच पटना जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को शुक्रवार तक के लिए बंद करने का आदेश दिया है।
मौसम विभाग के मुताबिक- 3 और 4 अक्टूबर को गरज के साथ कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश होगी, पर हर जगह नहीं होगी। ये केवल अलर्ट है। ज्यादा पैनिक होने की जरूरत नहीं है, लेकिन लोग सतर्क रहें।
पटना में 4.5 लाख लोग अब भी जलजमाव चपेट में
राजधानी के साढ़े चार लाख लोग अब भी जलजमाव की चपेट में हैं। राजेन्द्रनगर और बहादुरपुर के करीब 10 हजार घरों में बीते छह दिनों ने न बिजली है न पानी।
सिर्फ प्रकृति जिम्मेदार नहीं: गिरिराज
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा- पटना के डूबने के लिए बिहार सरकार जिम्मेदार है। उन्हें जनता से माफी मांगना चाहिए। इन हालात के लिए सिर्फ प्रकृति को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते।
जल निकासी पहली प्राथमिकता: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा- पटना में बाढ़ जैसे हालात के लिए दोषी अफसरों पर कार्रवाई होगी। फिलहाल प्राथमिकता पानी निकालना है। फिर कारणों की पड़ताल होगी। पूरा तंत्र लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने और जलनिकासी में जुटा है। आगे देखा जाएगा कि ऐसा क्यों हुआ?
आरा में तटबंध टूटा
राज्य की उफनाई नदियां उतार पर हैं। गंगा, कोसी, सोन, गंडक के जलस्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन बुधवार को भोजपुर में गंगा का बायां तटबंध टूट गया। इसे बांधने का काम तेजी से जारी है। इधर, पटना के लिए खतरा बनी पुनपुन की स्थिति भी अगले कुछ दिनों में संभलने के आसार हैं। वजह है कि अपस्ट्रीम में पुनपुन की सहायक पहाड़ी नदियों में पानी घट रहा है।