चंडीगढ़. देश का सबसे बड़ा रावण इस बार चंडीगढ़ में जलेगा। करीब 12 घंटे की मशक्कत के बाद 221 फीट ऊंचे रावण को गुरुवार को खड़ा कर दिया गया। यह काम बुधवार शाम को 6 बजे शुरू किया गया और गुरुवार शाम 6 बजे खत्म हुआ। इसमें दो क्रेन, दो जेसीबी और 150 लोगों की मदद ली गई।
रावण को तैयार करने वाले तजिंदर सिंह चौहान ने बताया कि इसे इस तरह तैयार किया गया है कि अगर दशहरे के दिन बारिश आ भी जाए तो भी रावण को शाम को जलाया जा सकेगा। तजिंदर सिंह ने बताया कि इस बनाने में 3 हजार मीटर कपड़ा और ढाई हजार मीटर जूट के मैट का इस्तेमाल किया गया है। बनावट इस तरह की गई है कि बारिश का पानी अंदर न जा पाए।
रावण की खासियत
25 फीट लंबी मूंछें।
40 फीट लंबा जूता।
60 फीट का मुकुट।
55 फीट लंबी तलवार और 12 फीट की ढाल है।
रावण को बनाने में 6 महीने का वक्त लगा
6 महीने से चल रही थी तैयारी।
40 लोगों की टीम ने इसे तैयार किया, 30 लाख रुपए लागत आई।
रावण में रिमोट के जरिए धमाका किया जाएगा। इसके लिए 20 फंक्शन बनाए गए हैं। सबसे पहले छत्र में ब्लास्ट होगा और फिर मुकुट, तलवार, ढाल और फिर जूते में। इनमें ईको फ्रेंडली पटाखे लगाए गए हैं, जिससे आम पटाखों के मुकाबले 80% पॉल्यूशन कम होगा।
रावण बनाने के लिए 12 एकड़ जमीन बेची
तजिंदर ने बताया कि उन्होंने 1987 में पहली बार रावण बनाया था और उसके बाद से हर साल इसे बनाते आ रहे हैं। रावण को बनाने में जो खर्च आता है उसके लिए तजिंदर अब तक अपनी साढ़े 12 एकड़ जमीन बेच चुके हैं। इस बार शिव पार्वती सेवा दल की ओर से इसका पूरा खर्च उठाया गया है।