नई दिल्ली, जर्मन ऑटो कॉम्पोनेन्ट बॉश इंडिया ने तीसरी तिमाही के हर महीने में दस दिन अपने उत्पादन को बंद रखने का फैसला किया है। कंपनी यह कदम देश में चल रहे इकनॉमिक स्लोडाउन को देखकर उठा रही है। शनिवार को एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने कहा, ‘हमने शुक्रवार को नियामकीय फाइलिंग में स्टॉक एक्सचेंज को बताया है कि हम तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर), 2019 के दौरान हर महीने 10 दिनों तक उत्पादन बंद रखेंगे।’
महीने में 10 दिनों तक उत्पादन बंद होने से देश भर में इसके संयंत्रों में उत्पादन 90 दिनों की तुलना में 30 दिन घट जाएगा। कंपनी के पास भारत भर में 18 विनिर्माण और सात विकास और एप्लीकेशन सेंटर हैं। बॉश इंडिया के चेयरमैन वी. के. विश्वनाथन ने हाल ही में एक बयान में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था कई अनिश्चितताओं और उतार चढ़ाव से गुजर रही है। इसमें व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है, राष्ट्रवादी दृष्टिकोण और ब्रेक्सिट संबंधित मुद्दों को हल करके वैश्विक व्यापार मॉडल को फिर सुचारू तरीके से चलाने की जरूरत है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों इकनॉमिक स्लोडाउन का हवाला देकर मारुति सुजुकी ने अपने गुरुग्राम और मानेसर प्लांट में 7 और 9 सितंबर को यात्री वाहनों का उत्पादन बंद रखा था। बिक्री में लगातार गिरावट की वजह से मारुति ने लगातार 8वें महीने प्रोडक्शन घटाने का फैसला लिया था। कंपनी ने अगस्त में उत्पादन 33.99% और जुलाई में 25.15% घटाया था।
उल्लेखनीय है कि मारुति के यात्री वाहनों की बिक्री अगस्त में 33.67% घटकर 1 लाख 10 हजार 214 यूनिट रह गई। पिछले साल अगस्त में 1 लाख 66 हजार 161 यात्री वाहन बिके थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टोयोटा ने भी अपने कर्नाटक प्लांट में इनोवा क्रिस्टा और फॉर्च्यूनर के प्रोडक्शन में कटौती की। मारूती ने नई वैगनआर, आल्टो, सेलेरियो, इग्निस, बलेनो, डिजायर व स्विफ्ट कारों के उत्पादन में 34.1 फीसद की कमी की।