मुंबई: महाराष्ट्र में अगर एनडीए सत्ता में आती है तो मुख्यमंत्री किसका होगा? ये सवाल इसलिये खड़ा हो गया है कि क्योंकि शिवसेना ने अपनी दशहरा रैली में फिर एक बार सीएम की कुर्सी पर दावा ठोक दिया. क्या वाकई में शिवसेना के पास कोई ठोस प्लान है या फिर वो इस बात को बार बार राजनीतिक हथकंडे के तौर पर कह रही है?
शिवसेना की सालाना दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे के भाषण से पहले पार्टी सांसद संजय राऊत ने भाषण दिया. भाषण में उन्होंने कहा कि अगले दशहरे पर उद्धव ठाकरे के बगल में महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बैठा हुआ दिखेगा. राऊत का इशारा उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य की तरफ था जो मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. ठाकरे परिवार से चुनाव लड़ने वाले आदित्य पहले शख्स हैं और उन्हें सीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जा रहा है.
ये कोई पहली बार नहीं है कि शिवसेना, बीजेपी के साथ गठबंधन में रहते हुए अपना सीएम बनाने की बात कर रही हो. इसके पहले भी वो कई बार ये बात कह चुकी है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाकई में शिवसेना के पास कोई ठोस प्लान है या फिर वो प्रचार की रणनीति के तहत ये बात कह रही है.
शिवसेना के इस सपने के पूरा होने की कितनी गुंजाइश है?
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं. इनमें आधी से भी कम यानी कि 124 सीटें शिवसेना लड़ रही है. बाकी 164 सीटें बीजेपी और उसके सहयोगी दल लड रहे हैं. दिलचस्प बात ये है कि सहयोगी दल के उम्मीदवार भी बीजेपी के चुनाव चिन्ह कमल को लेकर चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में चुने जाने पर वे विधानसभा में तकनीकी रूप से बीजेपी के ही विधायक माने जायेंगे. अब अगर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती है और बहुमत का आंकड़ा यानी कि 145 सीटें पाती है तो जाहिर तौर पर मुख्यमंत्री बीजेपी का ही होगा, लेकिन मामला तब गड़बड़ाएगा जब बीजेपी बहुमत के आंकड़े से दूर होगी. ऐसे में संभावना ये जताई जा रही है कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी जैसी विपक्षी पार्टियों की मदद से सरकार बना ले. एनसीपी के नेता जीतेंद्र आव्हाड़ ने तो एबीपी न्यूज से साफ कर दिया है कि अगर बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिये उसे शिवसेना की मदद करनी पड़ी तो वो करेगी.
वैसे बीजेपी बार बार शिवसेना की ओर से सीएम की कुर्सी पर किये जा रहे दावे से विचलित नजर नहीं आ रही है. बीजेपी का कहना है कि शिवसेना की ओर से इस तरह की अपेक्षा रखने में कोई हर्ज नहीं है. बीजेपी प्रवक्ता शाएना एन.सी के मुताबिक पार्टी को विश्वास है कि विधानसभा में उसे बहुमत मिलेगा और देवेंद्र फडणवीस फिर एक बार मुख्यमंत्री बनेंगे.
वैसे सियासी जानकारों का मानना है कि शिवसेना को पता है कि उसके लिये सीएम की कुर्सी हासिल करना आसान नहीं है, लेकिन वो बार बार इस बात को चुनावी रणनीति के तहत कहती है. ऐसा कह के शिवसेना, बीजेपी का दबाव में ऱखना चाहती है ताकि गठबंधन को सत्ता मिलने पर उसकी चल सके. महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव 21 अक्टूबर को होगा और वोटों की गिनती 24 अक्टूबर को की जाएगी.