हार्डकोर नक्सली मुसाफिर सहनी की लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार की देर रात पटना के पीएमसीएच में हो मौत हो गई। वह पटना के ही बेउर जेल में बंद था। मुसाफिर सहनी मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के विभिन्न थानों में एक दर्जन से अधिक नक्सली वारदात में शामिल रहा है। इस संबंध में थानों में केस भी दर्ज है। सभी मामले कोर्ट में लंबित हैं। फिलहाल मुजफ्फरपुर के सभी मामले में मुसाफिर सहनी जमानत पर था।
मुसाफिर सहनी वैशाली जिले के सदर थाना क्षेत्र के थथान बुजुर्ग गांव का रहने वाला था। संगठन में तिरहुत जोन का प्रभारी भी रहा था। बेटा हार्डकोर रोहित सहनी भागलपुर जेल में बंद है। वहीं बहू भारती जमानत पैट बाहर है।
मुजफ्फरपुर में तुर्की स्थित हरि कंस्ट्रक्शन के बेस कैंप को उड़ाने में मुसाफिर ने सक्रिय भूमिका निभाया था। इसके अलावा कुढ़नी में कंस्ट्रक्शन कंपनी के बेस कैंप, साहेबगंज व मोतीपुर में भी नक्सली हमले को भी अंजाम दिया था। इसके अलावा सीतामढ़ी व शिवहर के भी कई थाने में मुसाफिर के खिलाफ केस दर्ज है।
2015 में सकरा से पकड़ा गया था मुसाफिर
मुसाफिर सहनी अपने दो साथियों के साथ सकरा से पकड़ा गया था। एसएसबी व पुलिस की विशेष टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर उनकी गिरफ्तारी की थी। तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार के निर्देशन में पूरा ऑपरेशन हुआ था। इस दौरान तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार ने तत्कालीन सकरा थानेदार को ऑपरेशन में लापरवाही बरतने पर ससपेंड भी कर दिया था।