बिहार पुलिस मुख्यालय ने एक बार फिर से अजीबोगरीब आदेश निकाल सबको हैरान कर दिया है. दरअसल पुलिस मुख्यालय ने थानों और आउटपोस्ट में सभी जाति के पुलिसकर्मियों को प्रतिनिधित्व देने का निर्देश दिया है. पुलिस मुख्यालय द्वारा जो आदेश निकाला गया है उसके अनुसार बिहार के सभी थानों व आउटपोस्ट में थानाध्यक्ष व ओपी प्रभारी के पद पर समाज के सभी वर्गो को प्रतिनिधित्व मिलेगा. पुलिस मुख्यालय ने राज्य के सभी क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, उप महानिरीक्षक, वरीय पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षकों को यह निर्देश दिया है.
हालांकि पुलिस मुख्यालय के इस निर्देश के उल्लंघन के कई मामले प्रकाश में आए हैं. इसके बाद पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) ने पुन: निर्देश दिया है कि राज्य के सभी क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक व उप महानिरीक्षक अपने क्षेत्र अंतर्गत सभी थानों व आउटपोस्ट में थानाध्यक्ष व ओपी प्रभारी के पद पर पदस्थापन की समीक्षा करें और यह सुनिश्चित करें कि यथासंभव समाज के सभी वर्गो को समुचित प्रतिनिधित्व दिया गया हो.
बिहार पुलिस एससोसिएशन ने पुलिस मुख्यालय के आदेश पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा है कि योग्यताओं के महत्व की चर्चा नहीं करते हुए वर्ग के आधार पर पोस्टिंग होगी. इस तरह का निर्गत आदेश से कनीय पुलिसकर्मी हतप्रभ हैं.

उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों की एक ही जाति खाकी होती है. कानून की रक्षा और जनता की सुरक्षा मुख्य कर्तव्य होता है. योग्यता, कर्मठता और अनुभव पोस्टिंग का आधार होता है. इसे ही प्राथमिकता देते हुए पोस्टिंग का यही आधार होना चाहिए. जो भी पुलिसकर्मी कानून के राज के लिए इस मापदंडों पर खारा उतरता है उसकी पोस्टिंग हर थानों में होती आ रही है और होनी भी चाहिए. यह आदेश पुलिसकर्मियों को एक ख़ाकी रंग में रंगे पुलिसकर्मी की कार्य भावना को प्रभावित करेगा.
अध्यक्ष ने कहा कि बिहार पुलिस विभाग बेहतर पुलिसिंग के लिए प्रयोगशाला बन गया है. रोज अलग-अलग तरह के आदेश निकलते रहते हैं, परंतु उक्त आदेशों की समीक्षा भी हमेशा होनी चाहिए कि उक्त आदेश से बेहतर पुलिसिंग में बदलाव आया या नहीं आया. क्या यह आदेश केवल थानेदार या थाने पर लागू होगा. क्या यह नियम जिले के या पुलिस विभाग के वरीय विभिन्न पदों पर भी लागू होगा.
बिहार पुलिस एसोसिएशन का सुझाव और मांग है कि इस तरह के आदेश से पुलिस विभाग को बचना चाहिए. ख़ाकी रंग में सभी देश – बिहारी के पुलिसकर्मी एक परिवार के रूप में एक दूसरे के प्रति प्रेम – भाईचारा और अटूट पुलिस परिवारिक बंधन के गांठ में बंधे हैं. अटूट बंधन इस तरह वर्ग आधार पर पोस्टिंग से पुलिसकर्मी परिवार मानसिक रूप से कमजोर होगा.