बिहार में पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी ने केंद्र सरकार के कृषि विधेयक का विरोध किया है. पप्पू यादव ने इस विधेयक को किसानों की कमर तोड़ने वाला विधेयक बताते हुए 27 सितंबर को इस विधेयक के विरोध में बिहार बन्द करने का ऐलान किया है. जाप पार्टी के संरक्षक और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने केंद्र के कृषि विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह कानून खेती को अमीरों के हाथों गिरवी रखने वाला क़ानून है. इसके खिलाफ 27 सितंबर को बिहार बन्द का एलान किया गया है.
पप्पू यादव ने कहा कि केंद्र सरकार के इस काले क़ानून के खिलाफ 20 सितंबर पार्टी के कार्यकर्ता सभी जिला मुख्यालयों में प्रधानमंत्री का पुतला दहन करेंगे और 21 सितम्बर को को पोल खोल नुक्कड़ सभा होगी और 26 सितंबर को मशाल जुलूस निकाला जाएगा. पूर्व सांसद ने कहा कि किसानों के लिए ऐसा कानून बने जिससे उनका अनाज एमएसपी- न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर न बिके. उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगर उनकी सरकार बनती है तो सरकार किसानों से शत प्रतिशत अनाज खरीदना सुनिश्चित करेगी.
पप्पू यादव ने सरकार पर सीधा आरोप लगाया कि इस काले कानून से वो अपने 10-12 चहेतों को लाभ पहुंचाना चाहती है. इस कानून से किसान अपनी ही जमीन पर महज मजदूर होकर रह जाएगा. पूर्व सांसद पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि वो तरक्की की बात करते हैं जबकि आये दिन नवनिर्मित पुल बह जा रहे हैं. उन्होंने चुनौती दी कि मुख्यमंत्री ‘नीति आयोग’ की रिपोर्ट में बिहार की खराब रैंकिंग का जवाब दें.
पप्पू ने कहा कि नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी दोनों किसान विरोधी है. इन्हें किसानों कि नहीं पूंजीपतियों की चिंता है. पप्पू यादव ने कहा देश में 85 प्रतिशत किसान हैं. इस कृषि विधेयक से ऐसे किसानों को सबसे अधिक परेशानी होगी. इससे भंडारण में मजबूत लोगों को जमाखोरी और कालाबाजारी का मौका मिलेगा, इसलिए इस किसान विरोधी सरकार से देश को बचाना ‘जाप’ की प्राथमिकता है. किसानों की बेहतरी के लिए उन्होंने अनुमंडल स्तर पर बाजार समिति को पुनर्जीवित करने का भी वादा किया.