लोजपा एनडीए के साथ ही लड़ेगी चुनाव, कहीं कहीं JDU से फ़्रेंडली फाइट कर सकती है
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अब कभी भी हो सकता है. इसको लेकर अब सियासी दल कैंडिडेट को लेकर इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है.बिहार बीजेपी ने अपने कई सिटिंग विधायकों का टिकट काट सकती है।
जहां एक से ज्यादा दमदार उम्मीदवार होंगे वहाँ विवाद से बचने के लिए पार्टी इस बार लॉटरी के जरिए कैंडिडेट्स का चयन करेगी. पार्टी नेतृत्व इस बार के विधानसभा चुनाव में यह नया फार्मूला लागू करने जा रही है. जानकारी के अनुसार प्रदेश नेतृत्व ने इस संबंध में नेताओं को बता दिया है.
वैसे विधायक जिनकी क्षेत्र में भारी नाराजगी है, लगातार शिकायतें मिल रही हैं और सर्वे में जिनका रिपोर्ट नेगेटिव है और वे पार्टी की अपेक्षा पर खरे नहीं उतर रहे, उनका टिकट काटने पर भी विचार किया जा रहा है। ऐसा इस लिए की चुनाव में प्रत्याशी की नाराजगी का खामियाजा पार्टी को न झेलना पड़े. बीजेपी सूत्रों ने बताया कि पार्टी नेतृत्व की तरफ से आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों से भी बताया जा रहा है कि इस बार कैंडिडेट सेलेक्शन के नियम में बदलाव किया गया है. स्क्रूटनी के बाद एक ही तरह के अगर कई दावेदार एक सीट पर हुए तो लॉटरी के जरिए कैंडिडेट्स का चयन किया जाएगा. BJP ने फैसला किया है कि वह निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों का चयन स्थानीय कार्यकर्ताओं के अनुसार करेगी. यानी इन क्षेत्रों में जिन नेताओं की पैठ स्थानीय लोगों के बीच ज्यादा होगी उसे ही टिकट दिया जाएगा. पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों को चुनने के लिए गुप्त मतदान के माध्यम से वोटिंग कराई है.
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक सर्वे में 56 में स 10 से 15 सीटींग एमएलए से लोग नाराज हैं. ऐसे में पार्टी ने इनका विकल्प ढूँढने का काम प्रदेश के पधाधिकारियों को सौंप चुकी है. हालांकि जब पार्टी ने इन्टर्नल सर्वे करवाया था तब भी विकल्पों की सूची बनवाई गई है. इसबार भाजपा लगभग 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और ऐसे में उम्मीद है की लगभग 30 के लगभग नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है.

243 सीटों के बाँटवारे के संबंध अब यह बात सामने आ रही है कि , जदयू 104 – भाजपा -100 और 39 सीटों पर सहयोगी लड़ेंगे । हालांकि इस संबंध में कोई भी अभी खुलकर बोलने को तैयार नही है मगर पार्टी के अंदरखाने से यही रिपोर्ट आ रही है. भाजपा के सूत्र ये भी भी बता रहे हैं कि भी गठबंधन के साथ है और साथ ही चुनाव लड़ेगी. जबकि मीडिया में लोजपा के अलग चुनाव लड़ने की भी खबरें आ रही हैं।. सूत्रों के मुताबिक लोजपा को 26 से 29 सीटें दी जाएंगी. हालांकि मांझी के पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी यह तय नही है लेकिन उपेन्द्र कुशवाहा अगर फिर एनडीए में आते हैं तो उन्हे 7 से 10 सीटें दी जा सकती हैं . प्रदेश चुनाव पर भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व की पूरी नजर है और नीतीश कुमार से समय समय पर लगातार बात हो रही है ताकि समन्वय में कोई कमी ना रहे. भाजपा सीट बंटवारे का असर प्रचार और चुनाव पर नही पड़ने देना चाहती इसलिए पर्ची से भी नाम निकाले जाने की भी पूरी तैयारी की जा चुकी है.