पटना के DTO ऑफिस में इस महीने बड़े स्तर पर गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. पटना के तत्कालीन डीटीओ और एक क्लर्क की मिलीभगत से बड़े स्तर पर गड़बड़ी कर करोड़ों की राशि का वारा-न्यारा किया गया है। साहब और बाबू ने मिलकर नियमों को ताक पर सुशासन को तार-तार किया। तत्कालीन डीटीओ अजय कुमार ठाकुर और लिपिक अमित कुमार गौतम की मिलीभगत से वाहन BS-4 वाहन का बिना सरकारी राजस्व के ही निबंधन किये जाने का खुलासा हुआ। चोरी की गाड़ी का भी निबंधन किया गया. वर्तमान डीटीओ ने आरोपी अधिकारी और कर्मी पर कार्रवाई के लिए राज्य परिवहन आयुक्त को रिपोर्ट किया है. मामले के खुलासे के बाद अब जाकर परिवहन विभाग ने जांच के लिए कमेटी बनाई है। लेकिन यह गुनाह कोई पहला नहीं बल्कि अब तक पटना डीटीओ दफ्तर में भ्रष्टाचार के अनगिनत खेल खेले गये।तत्कालीन डीटीओ और कर्मी ने हर गुनाह किये लेकिन परिवहन विभाग के आलाधिकारी मौन साधे रहे। 2018 में तीन गंभीर मामले सामने आये थे जिसमें सीधे तौर पर आरोपी लिपिक अमित कुमार गौतम का नाम आया था।साथ ही लिपिक को संरक्षण देने का आरोप तत्कालीन डीटीओ पर लगा था। लेकिन परविहन विभाग के बड़े अधिकारी दोनों को बचाते रहे।
2018 में डीटीओ ऑफिस के 3 फर्जीवाडे में आया था नाम
2018 में पटना डीटीओ कार्यालय में फर्जीवाड़ा के तीन गंभीर मामले सामने आए थे। उन मामलों मे ऑफिस के एक रसूखदार कर्मी अमित कुमार गौतम का नाम सामने आया था। दो मामलों में गांधी मैदान थाना मे केस भी दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस भी जांच के नाम पर फाईल पर कुंड़ली मारकर बैठी रही। तत्कालीन डीटीओ और कर्मी की इस तरह से तूती बोलती थी कि पुलिस ने भी जांच के नाम पर लिपा-पोती कर दी। पटना DTO कार्यालय मे फर्जीवाड़े का पहला मामला उस समय सामने आया जब कार्यालय के अधिकारियों ने अपने कारनामे से मृत व्यक्ति को जिंदा कर दिया। बता दें कि 19 मई, 2017 को गोपालगंज में भाजपा नेता कृष्णा शाही की हत्या अपराधियों ने कर दी थी। मौत के बाद उनकी गाड़ी को दूसरे के नाम पर कर दिया गया.उन्होनें पटना डीटीओ ऑफिस के कर्मियों पर फर्जीवाड़े का आरोप लगा गांधी मैदान थाने मे मामला दर्ज कराई। पीड़िता ने सीधे तौर पर ऑफिस के कर्मचारियों पर फर्जीवाड़े का आरोप लगा मामला दर्ज कराया था.

पुलिस की छापेमारी में भी गौतम का आया था नाम
परिवहन आयुक्त के आदेश पर23 जून 2018 को पटना डीटीओ कार्यालय में छापेमारी हुई थी। छापेमारी में पकड़े गए दलाल ने पुलिस के समक्ष ऑफिस के एक रसूखदार कर्मी का नाम लिया था। गिरफ्तार शख्स ने पुलिस के समक्ष परिवहन कार्यालय के फर्जीवाड़े की पोल खोली थी। पूछताछ में उसने डीटीओ कार्य़ालय के रसूखदार कर्मी गौतम कुमार औरअन्यके नाम लिये थे। तब गांधी मैदान पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की बात कही थी। उस वक्त टाउन डीएसपी सुरेश कुमार ने कहा था कि मामला गंभीर है और इस केस को वो खुद देख रहे हैं। लेकिन इस मामले को भी गांधी मैदान थाने की पुलिस ने ठंडे बस्ते मे डाल दिया