लंबे समय से चल रहे विवाद के बाद आखिरकार मंगलवार को आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन से किनारा करने का आधिकारिक ऐलान कर दिया है. साथ ही उन्होंने एनडीए में शामिल होने की चर्चाओं पर भी विराम लगाते हुए तीसरे मोर्चे के गठन का ऐलान किया है. अब उपेंद्र कुशवाहा यूपी की पूर्व सीएम मायावती के बीएसपी के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरेंगे.
उन्होंने बसपा के साथ गठबंधन का किया एलान किया है इसमें जनवादी पार्टी सोशलिस्ट पार्टी भी शामिल हुआ है. इस मौके पर कुशवाहा ने सीएम नीतीश को अपने निशाने पर लेते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने 15 साल में बिहार को रसातल में पहुंचा दिया है इस लिए बिहार को नीतीश कुमार मुक्त करना जरूरी है. कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार 15 साल सिर्फ कुर्सी बचाने में लगे रहे. कुशवाहा ने यह भी कहा कि आज के विपक्ष से नीतीश को हटाना संभव नहीं ऐसे में नया गठबंधन जरूरी था.
उपेन्द्र कुशवाहा ने बसपा के साथ सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया. उन्होंने चिराग को भी न्योता दिया और कहा कि इस गठबंधन में जो आना चाहें सबका स्वागत है. रालोसपा में मची भगदड़ पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि हमने अपनी नाव मंझधार से निकाल ली है, लेकिन जो कमजोर दिल वाले हैं वो उतरकर भाग रहे हैं.
कुशवाहा ने लालू-राबड़ी शासनकाल पर भी हमला बोलते हुए कहा कि लालू राज में लोग दोनों हाथों से पैसे बटोरते थे. पैसे के बिना कोई कम नहीं होता था. नीतीश कुमार भी पुराने 15 साल की तरह काम कर रही और बिहार में दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि लालू के समय में शिक्षा व्यवस्था कैसी थी इससे समझ सकते हैं कि वे अपने दोनों बेटों को मैट्रिक भी पास नहीं करवा पाये.
कुशवाहा ने यह भी आरोप लगाया कि आरजेडी और बीजेपी के बीच कुछ ना कुछ चल रहा है. आरजेडी ने जो निर्णय हाल में लिया है वो साबित करता है कि नीतीश कुमार अपनी तुलना फेल विद्यार्थी से कर रहे हैं. 30 नम्बर वाले की तुलना में 17 नम्बर लाकर वाहवाही लूट रहेहैं. इस मौके पर जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के अध्यक्ष संजय चौहान, बिहार बीएसपी प्रभारी रामजी सिंह गौतम औरर बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष भरत बिन्द भी मौजूद थे.
2019 के लोकसभा इलेक्शन में उन्होंने महागठबंधन के दामन थाम लिया और उजियारपुर और काराकाट संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा लेकिन दोनों जगह उनकी हार हुई. बहरहाल बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में उन्होंने महागठबंधन से किनारा कर लिया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीएसपी के साथ मिलकर वो बिहार विधानसभा चुनाव में क्या कर पाते हैं.