चुनाव प्रचार के मोर्चे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेट इंट्री की। पहले चरण से लेकर अंतिम चरण तक कुल चार बार प्रदेश का दौरा किया। उन्होंने सभाएं तो कुल 12 ही कीं लेकिन डिजिटल इंतजाम ऐसा था कि कवर 93 विधानसभा क्षेत्र हुए। राज्य के दौरे पर जब-जब पीएम आए तब-तब राहुल गांधी भी आए। राहुल ने 8 सभाएं की। यह तो रही दो राष्ट्रीय दिग्गजों की बात। प्रधानमंत्री की तुलना में राहुल का स्ट्राइक रेट आधा रहा।

पूरे प्रचार अभियान में तेजस्वी प्रसाद यादव महागठबंधन के अकेले स्टार प्रचारक रहे जिन्होंने 247 सभाएं कीं। अपने गठबंधन की एक सीट बछवाड़ा को छोड़कर वह हर सीट पर प्रचार करने गए। राघोपुर और हसनपुर में 1 से अधिक बार गए। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी की 115 सीटों में से महज 80 सीटों पर ही प्रचार किया।

वैसे सीएम ने 98 सभाएं कीं, इनमें 6 पीएम के साथ तो 12 एनडीए के सहयोगी दलों के लिए। सीएम की सभाओं का स्ट्राइक रेट देखें तो यह पीएम के बराबर रहा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जिन सीटों पर प्रचार किया उनमें 92 फीसदी पार्टी उम्मीदवार जीत गए।
