माध्यमिक शिक्षकों की समस्या की लड़ाई लड़ने वाले संगठन में तनाव बढ़ गया है। एक पत्र को लेकर आपसी जंग चल रही है जिसमें संघ के कनीय संयुक्त सचिव ने खुद को प्रभारी महासचिव घोषित कर दिया है। रविवार को इस मामले को लेकर शिक्षकों में काफी आक्रोश दिखा है। कार्रवाई की मांग करते हुए संघ के पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपा है।
मनमानी का लगाया आरोप
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के सदस्य शिक्षकों व पदाधिकारियों ने रविवार को संघ के अध्यक्ष व महासचिव से सवाल किया है कि इतने पुराने एवं प्रतिष्ठित संगठन में अनियमितता और संघीय संविधान के साथ मजाक क्यों किया जा रहा है। नियमावली की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया गया है।
25 नवंबर को बिहार माध्यमिक राज्य संघ के कनीय संयुक्त सचिव विनय मोहन ने अपने हस्ताक्षर से तथा अपने को संघ का प्रभारी महासचिव घोषित करते हुए संघ के सभी प्रमंडलीय सचिव, जिला सचिव व मूल्यांकन सचिवों को संघ भवन में 29 नवंबर बैठक के लिए बुला लिया। पत्र शिक्षकों के बीच वायरल होने लगा, जिससे संघ के सदस्य शिक्षकों में आक्रोश बढ़ गया। इसके बाद विरोध शुरू हो गया।

विरोध के साथ जांच की मांग
रविवार को राज्य भर के सदस्य शिक्षकों का रोष पटना में दिखा। संघ के कार्यालय (जमाल रोड, पटना) में राज्य पार्षदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शैलेंद्र कुमार शर्मा (शैलू जी) के नेतृत्व में संघ के अध्यक्ष व महासचिव को ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा गया है कि आखिर निर्वाचित महासचिव के रहते, महासचिव द्वारा अब तक पद त्याग करने व काम करने से असमर्थ होने की कोई सूचना नहीं होने तथा राज्य कार्यसमिति के निर्णय के बिना यह क्यों हुआ? संघ के संविधान, विधान व नियमावली के विरुद्ध मनमाने ढंग से वरीय संयुक्त सचिव के रहते कनीय संयुक्त सचिव द्वारा अचानक अपने आपको प्रभारी महासचिव क्यों घोषित किया गया? संघ के अध्यक्ष सहित वरीय पदधारकों का इस विषय पर चुप्पी साधना गंभीर साजिश की ओर संकेत करता है।