हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज COVID-19 वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। उन्हें अंबाला कैंट के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने पिछले महीने ही ट्रायल के तौर पर भारत बायोटेक द्वारा कोरोना महामारी से लड़ने के लिए बनाए जा रहे स्वदेशी कोवैक्सीन (COVAXIN) का टीका लगवाया था।
टीका लगावने के बावजूद अनिल विजे के कोरोना संक्रमित होने पर भारत बायोटेक ने शनिवार को सफाई देते हुए कहा है कि वैक्सीन के असर के लिए दो डोज लेना जरूरी है। भारत बायोटेक ने कहा कि COVAXIN का क्लीनिकल ट्रायल 2 खुराकों पर आधारित है, जो 28 दिनों के बाद दिए गए हैं। वैक्सीन का प्रभाव 14 दिनों के बाद दूसरी खुराक के बाद निर्धारित किया जाएगा। वैक्सीन की दोनों खुराक लेने पर ही ये प्रभावशाली मानी जाती है।
भारत बायोटेक ने कहा कि चरण -3 के ट्रायल डबल-ब्लाइंडेड और रैंडमाइज्ड हैं, जहां ट्रायल में हिस्सा लेने वाले 50% लोगों को टीका लगाया गया और बाकी 50% लोगों को प्लेसीबो दिया गया है।
अनिल विज ने ट्वीट कर बताया, ”मैं कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया हूं और अंबाला कैंट के सिविल अस्पताल में भर्ती हूं। वे सभी जो मेरे निकट संपर्क में आए हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वो भी अपना कोरोना टेस्ट करवाएं।”
गौरतलब है कि अनिल विज को कोरोना महामारी (Covid-19 ) से बचाव के लिए भारत बायोटेक द्वारा निर्मित टीके कोवैक्सीन (Covaxin) के तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान 20 नवंबर को अंबाला के एक सरकारी अस्पताल में कोवैक्सीन की खुराक दी गई थी। भाजपा के 67 वर्षीय वरिष्ठ नेता अनिल विज ने स्वेच्छा से सबसे पहले कोवैक्सीन टीका लगवाने के लिए वॉलंटियर बनने की पेशकश की थी। कोवैक्सीन टीका स्वदेशी तौर पर विकसित किया जा रहा है।
बता दें कि, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बची पूरी दुनिया को कोविड-19 के टीके का इंतजार है। वैक्सीन बनाने की दौड़ में भारत भी शामिल है। भारत की अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) पर लोगों की उम्मीदें टिकी हुई हैं। इस वैक्सीन को भारत बायोटेक और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) मिलकर तैयार कर रहे हैं। फिलहाल इस वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है।