माइक्रोसॉफ्ट की एक ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक खतरनाक मैलवेयर ने Google Chrome, Firefox, और Microsoft Edge जैसे बड़े वेब ब्राउजर्स को अपना शिकार बना लिया है। इस मैलवेयर का नाम एड्रोजेक (Adrozek) है, जो इस साल मई में आया था। हालांकि अगस्त में यह अपने चरम पर पहुंच गया था। इसने हर रोज करीब 30 हजार से ज्यादा डिवाइसेस को शिकार बनाया है।
इस तरह पहुंचा रहा नुकसान
यह मैलवेयर सर्च रिजल्ट में विज्ञापन दिखाता है और खतरनाक ब्राउजर एक्सटेंशन भी जोड़ देता है। मैलवेयर कैंपेन का मुख्य उद्देश्य यूजर्स को एफिलिएटेड पेज तक ले जाना है। ऐसा करने के लिए इसे चुपचाप खराब ब्राउजर एक्सटेंशन जोड़ना होता है और ब्राउजर सेटिंग्स में भी बदलाव करना पड़ता है। उदाहरण के लिए, यह माइक्रोसॉफ्ट एज ब्राउजर में MsEdge.dll को बंद
जानिए कैसे होता है डाउनलोड
यह डाउनलोडिंग के जरिए ही आपके डिवाइस में घुसता है। यह एक साधारण फाइल नेम और setup_.exe के पॉप्युलर फॉर्मेट में रहता है, जिस वजह से किसी को भी इसपर शक नहीं होता। डाउनलोड के बाद कोई यूजर जैसे ही इस प्रोग्राम को रन करता है, तो यह टेंपरेरी फोल्डर में एक .exe फाइल छोड़ देता है। यह एक साधारण ऑडिया सॉफ्टवेयर का रूप धारण कर लेता है, जिस वजह से एंटीवायरस की पकड़ में भी नहीं आता।
इस तरह बचाएं अपना ब्राउजर
माइक्रोसॉफ्ट का दावा है कि एड्रोजक मैलवेयर का सबसे ज्यादा प्रकोप यूरोप, दक्षिण एशिया और दक्षिणपूर्वी एशिया में है। हालांकि यह अभी भी जारी है इस वजह से दूसरे इलाकों में भी अपना पांव पसार सकता है। इससे बचने के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने यूजर्स को Microsoft Defender जैसे एंटीवायरस का इस्तेमाल करने की सलाह दी है, जो एंडपॉइंट प्रोटेक्शन के साथ आता है और मैलवेयर फैमिली को ब्लॉक कर सकता है।