दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के नेता अब बिहार के किसानों से समर्थन मांगने पटना आये हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने सोमवार को पटना में प्रेस कांफ्रेंस की है। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि अगर MSP की गारंटी का कानून बनता है तो बिहार का धान 1000 रुपये और मक्का 800 रुपये में नहीं, बल्कि 1850 रूपये में बिकेगा। इसी तरह बाकी फसलों के भाव भी बढ़ेंगे। बिहार के किसानों की दशा बदल सकती है। इसलिए बिहार के किसानों का इस आंदोलन में भाग लेना अति आवश्यक है।
APMC टूटने से बर्बाद हुआ बिहार का किसान
चढूनी ने कहा कि 2006 में APMC के टूटने का सबसे ज्यादा प्रभाव बिहार पर देखने को मिला है। MSP पर फसल ना बिकने के कारण बिहार का किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है। मजदूरी करने के लिए भी उन्हें बाहर दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है, जबकि बिहार की जमीन उपजाऊ है, पानी बहुत अच्छा है व खेती करने वाले लोग सभी बिहार में मौजूद हैं।
बिहार के साथ-साथ पूरे देश में भी एमएसपी लागू हो, इसके लिए पूरे देश में आंदोलन चल रहा है। इसमें बिहार के किसान व मजदूर को पूरी तरह कूद जाना चाहिए। हमारे देश को पूंजीपति हड़प रहे हैं, जिससे गरीब और अमीर के बीच की खाई बढ़ती जा रही है। हमारे देश में एक पूंजीपति की आय 90 करोड़ रुपये प्रति घंटा तक पहुंच गई है, वहीं गरीब नागरिक की आय 9 रुपये प्रति घंटा भी नहीं है।