विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार की समीक्षा को लेकर बुलाई गई आरजेडी की महत्वपूर्ण बैठक शुरू हो गई है. प्रदेश कार्यालय में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मौजूदगी में यह बैठक हो रही है. बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह कर रहे हैं. इसके अलावा उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव, पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी, उदय नारायण चौधरी समेत सभी उम्मीदवार बैठक में मौजूद हैं, जिन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा. पार्टी के सभी जिला अध्यक्षों को भी इस बैठक में बुलाया गया है, लेकिन हार पर मंथन के लिए बुलाई गई इस बैठक में किसान आंदोलन को लेकर चर्चा हो रही है.
दरअसल आरजेडी की बैठक के शुरू होते ही आलोक मेहता ने इस बात की जानकारी सबों को दे दी कि हार के कारणों के बारे में उन्हें लिखित तौर पर पार्टी नेतृत्व को देना होगा. सभी जिला अध्यक्ष और उम्मीदवार अपनी अपनी तरफ से हार का कारण लिखित तौर पर पार्टी नेतृत्व को मुहैया कराएंगे और आरजेडी नेतृत्व उस पर एक कमेटी गठित कर आवश्यक कार्रवाई करेगा. माना जा रहा है कि आरजेडी के बैठक में आरोप-प्रत्यारोप से बचने के लिए यह रास्ता निकाला गया है. कई उम्मीदवार जिला अध्यक्षों के भीतरघात के कारण हारे हैं और अगर आज की बैठक में खुले तौर पर समूह को बोलने का मौका दिया जाता तो पार्टी की भारी फजीहत हो सकती थी. पार्टी के अंदर अंतर कलह बढ़ता देख यह फैसला किया गया कि लिखित तौर पर पार्टी के उम्मीदवार और जिला अध्यक्ष हार के कारणों की जानकारी देंगे. अगर उनको किसी से शिकायत है तो इसकी भी जानकारी लिखित तौर पर दी जाएगी. बाद में पार्टी इसकी गोपनीयता रखते हुए कमेटी को शिकायत फॉरवर्ड करें कि और वही कमिटी मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई के लिए नेतृत्व को जानकारी देगी.
पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद को पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने का मौका मिला है लेकिन उनकी राय में कांग्रेस को जीतनी सीटें गठबंधन में दी गई उसके मुताबिक कांग्रेस प्रदर्शन नहीं कर पाई. चेतन आनंद की मानें तो कांग्रेस को जितनी सीटों पर जीत हासिल हुई उतनी और सीटें कम से कम जीतनी चाहिए थी. चेतन आनंद की मानें तो कांग्रेस अगर सही रणनीति के साथ चुनाव लड़ती तो और ज्यादा सीटों पर जीत हासिल हो सकती थी. हालांकि उनकी राय में चुनाव के अंदर तेजस्वी की हार नहीं हुई है. जनता ने महागठबंधन को स्वीकार किया है.
आरजेडी के पूर्व विधायक और इस बार चुनाव में हारने वाले यदुवंश यादव की मानें तो कांग्रेस की वजह से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. जबकि पूर्व मंत्री रमई राम के मुताबिक भितरघात की वजह से आरजेडी के उम्मीदवारों को परेशानी हुई. रमई राम ने कहा है कि कांग्रेस की हैसियत आरजेडी के उम्मीदवारों को जीताने की नहीं थी. उनकी जितनी हैसियत थी वह उतनी ही मदद कर पाएं.
हालांकि ऐसा नहीं है कि आरजेडी के सभी नेता कांग्रेस के खिलाफ ही बयान बाजी कर रहे हैं. आरजेडी के पूर्व विधायक विजय प्रकाश भले ही चुनाव हार गए लेकिन उनकी राय में हार का ठीकरा दूसरे पर फोड़ना उचित नहीं है. एलईडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा है कि चुनाव में लालू यादव की कमी खली और उनकी जगह कोई नहीं ले सकता.
राजद के प्रदेश महासचिव आलोक मेहता ने कहा कि आज की बैठक में सभी जिलाध्यक्ष या जीते या हारे हुए कैंडिडेट शिकायत और सुझाव लिखित रूप में दें . उसके बाद उसकी समीक्षा होगी प्रमंडल बार इसकी समीक्षा की जाएगी . नेता प्रतिपक्ष यादव के नेतृत्व में मामलों पर चर्चा होगी और फिर आगे का निर्णय लिया जाएगा. आलोक मेहता के कहने के बाद अब किसान आंदोलन और केंद्र सरकार की तरफ से लागू किए गए नए कृषि कानून पर चर्चा शुरू हो गई है. बैठक हार की समीक्षा के लिए बुलाई गई लेकिन यहां निशाने पर केंद्र सरकार है. भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ अब इस बैठक में चर्चा हो रही है.

समीक्षा बैठक में बोलते हुए विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि किसान आंदोलन को बिहार में तेज करने की जरूरत है. राजद महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है. वह अपने दम पर किसान आंदोलन को मजबूती से आगे बढ़ा सकती है. इसके लिए पार्टी वृहद स्तर पर कार्यक्रम तैयार करें और किसान आंदोलन तेज करें.भाई बिरेंद्र ने कहा कि सिर्फ धरना प्रदर्शन से नहीं बल्कि कार्य योजना तैयार हो, क्योंकि हमारे पास पार्टी कार्यकर्ता है,हम लड़ाई लड़ने में सक्षम हैं. इस पर काम करने की जरूरत है.