लद्दाख में LAC पर पिछले साल के अप्रैल-मई महीने से भारत और चीन के बीच विवाद जारी है। दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं। भारतीय फौज ने चीनी PLA के लद्दाख में फिर से भारतीय इलाके को कब्जाने के फिर से फेल कर दिया है। जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं में हुए संघर्ष में चीन के 40 से ज्यादा जवान मारे गए थे। गलवान में चीन को पटखनी देने के बाद भी भारत ने ड्रैगन को गीदड़ साबित करते हुए, उसकी नाक के नीचे कई ऊंची चोटी पर कब्जा जमा लिया, जिसके बाद से चीन के मंसूब पस्त हैं। LAC और लद्दाख में भारत की विशाल सेना को देख चीन घबरा गया है। चीन की ये घबराहट उसके सरकार अखबार ग्लोबल टाइम्स में साफ देखी जा सकती है।
ग्लोबल टाइम्स में चीन ने लिखा है कि भारत द्वारा लद्दाख के पैंगोंग झील इलाके में की जा रही गतिविधियां वहां का इको सिस्टम प्रभावित करने वाली हैं। चीन पैंगोंग झील के आसपास बढ़ रहे टूरिज्म के कारोबार और उसके जरिए आर्थिक रूप से संपन्न हो रहे लद्दाख के दूर-दरार के ग्रामीणों से भी परेशान है। आर्टिकल में चीन की तरफ से कहा गया है कि मान नाम के गांव के नजदीक झील किनारे इतने तंबूओं को देखा जा सकता है जिसमें 10 हजार लोगों को ठहराया जा सके।
इस आर्टिकल में घुमा-फिराकर बातें करने के बाद चीन लद्दाख में भारतीय सेना की और भी मजबूत होती पकड़ का जिक्र भी करता है। आर्टिकल में लिखा है कि पैंगोंग झील इलाके में भारत की विशाल मिलिट्री को देखा जा सकता है। बता दें कि पैंगोंग झील के बीच से LAC गुजरती है, इस झील का एक बड़ा हिस्सा चीन के कब्जे वाले लद्दाख में हैं। चीन इस बात से भी चिंतित है कि भारत ने लद्दाख में LAC के नजदीक तक न सिर्फ सड़के बना ली हैं बल्कि सैन्य गतिविधियों से संबंधित इमारतों का भी निर्माण किया है। चीन कहता है कि Finger 3 इलाके में भारतीय सेना का कैंप लगातार बड़ा होता जा रहा है। लद्दाख में पहाड़ों में ITBP- Indo Tibetan Border Police को देखा जा सकता है। सेटेलाइट तस्वीरों के हवाले से चीन कहता है कि Finger 4 इलाके में भी भारतीय निर्माण देखा जा सकता है, जो 2019 में नहीं था, लेकिन जून 2020 के बाद से बढ़ गया है।