बिहार विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन और 27 बाहरी उम्मीदवारों को टिकट देने को लेकर कांग्रेस में पनपा आक्रोश थम नहीं रहा है। नवमनोनीत प्रभारी भक्त चरण दास को सोमवार को बिहार की पहली यात्रा में ही इसको लेकर आक्रोश का सामना करना पड़ा। उनके सदाकत आश्रम पहुंचते ही नेताओं ने टिकट बंटवारे में ‘पैसे का खेल’ और चुनाव में नेताओं की उदासीनता का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़़ा कर दिया। जिसको टिकट नहीं मिला वह टिकट ‘बेचने’ का अरोप लगा रहे थे तो चुनाव लड़ने वाले अपनी पार्टी के नेताओं पर हराने का आरोप लगा रहे थे।
बैठक में भी प्रभारी के सामने नेताओं ने वर्तमान व्यवस्था के खिलाफ जमकर आक्रोश का इजाहर किया। हॉल के बाहर भी कुछ कार्यकताओं ने हंगामा किया। बैठक में प्रभारी भक्त चरण दास चुपचाप सारा खेल अपनी आंखों से देखते रहे। पहली बैठक में पार्टी के सभी नेता थे। लेकिन दूसरी बैठक देर शाम शुरू हुई जिसमें केवल विधायक ही थे।
बैठक में संजीव टोनी और शकीलुज्जमा, जनार्दन शर्मा जैसे नेताओं ने खुलकर चुनाव में कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप लगाया। पूर्व विधान पार्षद लाल बाबू लाल ने जब व्यवस्था के पक्ष में बोलना शुरू किया तो हंगामा और तेज हो गया। उसके बाद बैठक साफ दो धड़ों में बंटी हुई दिखने लगी। अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और संचालन समीर कुमार सिंह ने की। बैठक में सभी वरीय नेताओं के साथ विधायक, विधान परिषद सदस्य, कार्यकारिणी के सदस्य और सहयोगी संगठनों के प्रमुख भी थे।
इसके पहले पार्टी नेताओं ने एयरपोर्ट पर नये प्रभारी का जमकर स्वागत किया। प्रदेश अध्यक्ष मदनमोहन झा, विधायक दल के नेता अजीत शर्मा के अलावा विधान पार्षद प्रेमचन्द्र मिश्रा और एआईसीसी सदस्य कपिलदेव यादव ने बुके देकर प्रभारी का स्वागत किया। बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी नारों के साथ उनकी आगवानी की।
मुलाकातियों में दिखे भरत सिंह
बिहार कांग्रेस प्रभारी से मुलाकात करने वाले नेताओं में भरत सिंह भी दिखे। वही भरत सिंह, जिन्होंने हाल में पार्टी में होनेवाली बड़ी टूट वाले अपने बयान से हंगामा खड़ा कर दिया था। कार्यकर्ताओं और नेताओं की भीड़ में भक्त चरण दास ने भरत सिंह से दुआ-सलाम भी किया। बाद में मीडिया से बात करते कहा कि मैं उन्हें पार्टी का नेता नहीं मानता हूं। आपलोगों से भी निवेदन है कि उनका बयान न छापें।