बिहार के आरा में किसान आंदोलन पर उतर आए। NH 30 पर किसानों ने जाम कर दिया। ट्रैक्टर-ट्रॉली लगाकर यातायात बाधित कर दिया। कारण किसान कानून नहीं, नहर का पानी है। जिस नहर से सिंचाई के लिए लंबे समय तक पानी मांगते रहे, तब नहीं मिला और अब अचानक इतना पानी आ गया कि कटाव से 400 एकड़ खेत लबालब है। गेहूं, चना समेत कई रबी फसलें बर्बाद हो गई हैं। तीन दिनों तक सिंचाई विभाग के JE से लेकर SDO तक फरियाद लगाने से कोई फायदा नहीं हुआ तो किसानों ने यह रुख अपनाया। इससे आरा-मोहनियां का 110 किलोमीटर का रास्ता जहां-तहां बंद हो गया। जाम की सूचना मिलते ही SDPO पहुंचे और किसानों को समझा-बुझाकर जाम को हटवाया। SDPO के आश्वासन पर 4 घंटे बाद जाम हटा। इधर, सिंचाई एवं नहर विभाग के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर चंद्र वर्मा ने बताया कि जाम की सूचना के बाद अब पानी को रोक दिया गया है।
सिंचाई के लिए मांगते रहे लेकिन नहीं मिला पानी
किसानों का आरोप है कि फसल की सिंचाई के लिए वे पानी मांगते रहे लेकिन उस वक्त उन्हें पानी नहीं मिला। अब जब फसलों की कटाई होती, उस समय नहर के कटाव ने फसलों को नष्ट कर दिया। जगदीशपुर अनुमंडल के कौरा गांव के पास एक नहर है। तीन दिन पहले इस नहर में हरिगांव और कौरा गांव के बीच में अचानक से कटाव आ गया। इससे खेतों में धीरे-धीरे पानी लगने लगा। ग्रामीण किसानों ने इस बात की जानकारी विभाग को दी। लगातार तीन दिन तक विभाग के चक्कर काटे लेकिन SDO किसानों से नहीं मिले। फरियाद लगाने का फायदा उन्हें नहीं मिला तो वे सड़क पर उतर आए और प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। भास्कर पर सुबह से यह खबर चलने के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और जाम हटाने के लिए प्रदर्शन स्थल पर पहुंच कर अधिकारियों ने किसानों से बात की।
400 एकड़ खेत की फसल बर्बाद
कुंदन सिंह ने बताया कि विभाग के आलाधिकारियों ने उनकी फरियाद सुनी होती तो उनकी फसल बच जाती। किसानों का कहना है कि 400 एकड़ खेत में लगे फसल इससे बर्बाद हो गए हैं। यह समय फसलों की कटाई का है, ऐसे में खेत में पानी भर जाने से गेहूं, चना समेत कई रबी फसल बर्बाद हो गए। इसी बात को लेकर किसान आक्रोशित होकर सड़क पर उतर आए और मुआवजे की मांग कर रहे थे।
SDPO के आश्वासन पर 4 घंटे बाद हटा जाम
आक्रोशित किसानों ने रोड पर 4 घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया। जाम की सूचना मिलते ही जगदीशपुर SDPO श्याम किशोर रंजन घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों को समझा-बुझाकर जाम को हटवाया। आक्रोशित किसानों को उन्होंने कहा कि फसल की क्षति को लेकर जिलाधिकारी को आवेदन दें ।
रोका गया पानी
इधर, सिंचाई एवं नहर विभाग के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर चंद्र वर्मा ने दैनिक भास्कर को बताया कि लोगों की सूचना पर अब पानी को रोक दिया गया है। कटेया नहर में ऊपरी क्षेत्र से सिंचाई की डिमांड पर 250 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। नहर में पानी के हेड को इतना ऊपर रखा जाता है ताकि जिस क्षेत्र के लिए पानी छोड़ा जा रहा है, वह वहां पहुंच जाए। निचले क्षेत्र के किसानों के लिए बोरिंग से सिंचाई की व्यवस्था की गई है। ऊपरी क्षेत्रों के किसानों के लिए पानी नहर में छोड़ा जाता है। इस्तेमाल के बाद यह पानी निचले क्षेत्रों में जमा हो जाता है। पिछले तीन दिनों से ऊपरी क्षेत्र के किसानों के लिए क्रमशः 250,150,92 और 50 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
आरा-मोहनियां मुख्य मार्ग जाम
किसानों ने 4 घंटे तक आरा-मोहनियां मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। कौरा गांव के पास NH 30 पर लगभग 40 की संख्या में किसान जुटे और ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर सिंचाई एवं नहर विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन में शामिल एक किसान ने बताया कि हमारी फसल बर्बाद हो गई है। इसकी सूचना हमने जल विभाग को दी लेकिन SDO ने हमारी फरियाद नहीं सुनी। हमलोगों ने आज भी उन्हें फोन किया लेकिन उन्होंने मोबाइल ऑफ कर लिया।
इन किसानों का फसल हुआ है बर्बाद
बर्बाद फसलों में गेहूं,मसूर दाल एवं चना समेत रबी फसल शामिल हैं। इन किसानों के फसल बर्बाद हुए हैं- कुंदन सिंह, जयनंदन सिंह, मनन सिंह, राम दिनेश सिंह उर्फ ललका बाबा, विकास सिंह, अरविंद सिंह, उपेंद्र सिंह, मंटू सिंह, त्रिलोकी सिंह, कृष्ण मुरारी, सत्येंद्र सिंह उर्फ बागा सिंह सहित ज्ञानपुरा गांव के कई किसान भी शामिल है ।