कृषि, सहकारिता एवं गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह को आज बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के नवनियुक्त कुलपति डाॅ॰ रवीन्द्र कुमार सोहाने द्वारा विकास भवन, नया सचिवालय, पटना अवस्थित उनके कार्यालय कक्ष में शिष्टाचार मुलाकात की गई। मंत्री को कुलपति ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय के शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी ।
कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अधीन पाँच कृषि महाविद्यालयों में स्नातक कृषि तथा नूरसराय (नालंदा) स्थित उद्यान महाविद्यालय में स्नातक (उद्यान) सहित कुल 325 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रतिवर्ष दी जाती है, जबकि बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को 15 विषयों में परस्नातक (पोस्ट ग्रेजुएट) तथा 09 विषयों में पी॰एच॰डी॰ की उपाधि प्रतिवर्ष प्रदान की जाती है।
उन्होंने बताया कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा वत्र्तमान में 12 अंतर्राष्ट्रीय तथा 29 राष्ट्रीय संस्थानों द्वारा प्रायोजित परियोजनाओं पर अनुसंधान कार्य किया जा रहा है। इस विश्वविद्यालय द्वारा विगत 10 वर्षों में धान के 07, गेहूँ के 03, मक्का के 02, चना के 02, तीसी के 02, फुलगोभी का 01, बैगन का 02, मखाना का 01, आम का 02, बेल का 01, लीची का 01 तथा लहसुन का 01 प्रभेद यानि विभिन्न फसलों के 25 प्रभेदों को राज्य के एग्रो क्लाईमेटिक जोन के अनुसार विकसित किया गया है।
कृषि मंत्री ने बताया कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर द्वारा कोविड-19 के संक्रमण काल में बिहार लौटे 8,806 मजदूरों को अपने अधीन 18 किसान विज्ञान केन्द्रों में 251 रोजगारपरक प्रशिक्षण कराया गया। राज्य के ग्रामीण महिलाओं एवं बच्चों मेें पोषण-सुरक्षा के लिए इस विश्वविद्यालय द्वारा ‘‘अपनी क्यारी, अपनी थाली’’ कार्यक्रम का कार्यान्वयन किया जा रहा है, जिससे काफी संख्या में लोग लाभान्वित हो रहे हैं। इस कृषि विश्वविद्यालय के मीडिया सेन्टर द्वारा निर्मित विभिन्न वीडियो को यूट्यूब एवं अन्य सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है, जिसे अभी तक 4 करोड़ लोगों ने देखा है तथा 3.10 लाख लोग इसके सब्सकाईबर बने हंै। यहाँ के मीडिया सेन्टर द्वारा अभी तक 350 वीडियो काॅण्टेंट को प्रसारित किया गया है। इस तरह के कार्यों की सराहना भारत सरकार द्वारा की गई है। इस विश्वविद्यालय को भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा शैक्षणिक/अनुसंधान के क्षेत्र में नागरिक सेवाओं में उत्कृष्ट शोध के लिए रजत पदक से नवाजा गया है।
कृषि मंत्री को प्रेज़न्टेशन के उपरान्त कुलपति द्वारा फसल अवशेष (पराली) से निर्मित एक प्रतीक चिह्न एवं बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा मखाना भेंट किया ।
इस अवसर पर मंत्री के आप्त सचिव अनिल कुमार झा, उप निदेशक (शष्य), शिक्षा सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।