बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले विपक्ष को आईना दिखाने वाला है। राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान यह बताता है कि किस तरह से राज्य के किसान सुदृढ़ हो रहे हैं और उनका आर्थिक विकास भी किस गति से हो रहा है।
शनिवार को जारी बयान में मंत्री ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र की 18.07 फीसदी भागीदारी राज्य में हरित क्रांति का संकेत दे रहा है। केंद्र और राज्य सरकार के अपेक्षित सहयोग से न सिर्फ खेती का दायरा बढ़ रहा है, बल्कि किसान स्वावलंबी बन आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ा रहा है। सूबे में जहां दोनों मौसम में किसानों के फसल लहलहाते रहते हैं, वहीं कृषि आधारित उद्योगों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है।
मंगल पांडेय ने आगे कहा कि कृषि क्षेत्र में बेहतरी के पीछे सिंचाई की उत्तम व्यवस्था, पर्याप्त और उचित मूल्य पर खाध और बीज उपलब्ध होना, किसानों के लिए उपलब्ध सुलभ बाजार सहित केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाली अनुदान और योजनाएं शामिल हैं। इसके बावजूद विपक्ष किसानों और आमजनों को बरगलाने से गुरेज नहीं कर रहा है। बिहार में विपक्ष का काम भोली-भाली जनता को हमेशा भ्रम में रखना है। विपक्ष में शामिल सभी घटक दल एकसूत्री कार्यक्रम के तहत काम कर रहे हैं, वह है केंद्र और राज्य सरकार को बदनाम कर अपनी राजनीति चमकाना।