मुकदमों से पहले किसी जज के साथ मध्यस्थता का इंतजाम किया जाना चाहिए। इससे अदालतों पर काम का बोझ कम होगा। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे ने शनिवार को पटना हाईकोर्ट के नए शताब्दी भवन के उद्घाटन के अवसर पर ये बातें कहीं।
उन्होंने हाईकोर्ट के नए शताब्दी भवन का उद्घाटन किया। न्यायपालिका में तकनीक के इस्तेमाल पर उन्होंने कहा कि इसपर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना चाहिए। इसके कई खतरे भी हो सकते हैं। सभी वकीलों के पास अत्याधुनिक तकनीक नहीं है, इसलिए यह जरूरी हो गया है कि तकनीक की ऐसी व्यवस्था हो जिससे सबको एक समान लाभ प्राप्त हो सके। इसके लिए कार्यपालिका एवं न्यायपालिका को मिलकर काम करना होगा।
मुख्य न्यायाधीश ने रूल ऑफ लॉ को कायम रखने पर बल दिया। कहा कि सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन करे। न्यायपालिका भी रूल ऑफ लॉ को कायम करने के लिए संविधान के तहत अपना काम करती रहेगी। कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा, पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल, झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. रविरंजन, बीसीआई के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा भी मौजूद रहे।
पटना हाईकोर्ट आगे बढ़ता रहे यही तमन्ना
पटना हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश तथा मौजूदा समय में सुप्रीम कोर्ट के जज हेमंत गुप्ता ने हाईकोर्ट के निर्माण कार्य की जानकारी दी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट की जज इंदिरा बनर्जी ने पटना हाईकोर्ट के बारे में बताया। साथ ही कहा कि उनकी मां का जन्म मुंगेर जिले में हुआ है। पटना हाईकोर्ट के पूर्व जज तथा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा ने कहा कि पटना हाईकोर्ट आगे बढ़ता रहे, यही उनकी दिली तमन्ना है। अंत में न्यायमूर्ति शिवाजी पांडे ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
शताब्दी भवन में बेहतर बुनियादी सुविधा :
पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि शताब्दी भवन में बेहतर बुनियादी सुविधाएं होंगी। नया शताब्दी भवन हाईकोर्ट के पुराने भवन के बगल में ही है। यहां दो लाइब्रेरी के साथ अत्याधुनिक सुविधाएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रूल ऑफ लॉ कायम करने के लिए न्यायपालिका हमेशा संविधान के तहत अपना काम करती रहेगी।
लोग सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं : रविशंकर
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कोरोना काल में 76.38 लाख केसों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई हुई है। उन्होंने देश सहित राज्य में लंबित केसों के बारे में विस्तार से चर्चा की। कहा उन्हें आज काफी गर्व महसूस हो रहा है। आज हम जो कुछ भी हैं पटना हाईकोर्ट की बदौलत हैं। यहां आते ही भूली-बिसरी यादें ताजा हो जाती हैं। यहां कुछ ऐसे केसों में भी बहस करने का मौका मिला जो आज देश में चर्चा का विषय बना हुआ है।
समारोह में आए मेहमानों सहित प्रधान न्यायाधीश का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि पटना का सांसद होने के नाते सभी का स्वागत करता हूं। कहा कि आज लोग सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। अपना एजेंडा सेट करने के लिए लोग अपने हिसाब से फैसला चाहते हैं। मनचाहा फैसला नहीं आने पर जजों के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम चलाते हैं, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। देश स्वतंत्र है, यहां बोलने की आजादी है, लेकिन नया ट्रेंड शुरू किया गया है।
वकीलों को नजरअंदाज करना उचित नहीं : मनन
पटना हाईकोर्ट के शताब्दी भवन के उद्घाटन समारोह में वकीलों को नहीं बुलाए जाने पर बीसीसीआई के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि वकीलों को नजरअंदाज करना अच्छी बात नहीं है। न्यायालय की शोभा वकीलों से होती है। इस कार्यक्रम में वकीलों को नहीं बुलाना अच्छी परंपरा की शुरुआत नहीं है। इसके पूर्व हाईकोर्ट के हर कार्यक्रम में वकीलों को बुलाया जाता रहा है। हाईकोर्ट ने सभी जजों के अलावा पूर्व जज, सेवानिवृत्त जज तथा हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश को निमंत्रण भेजा, लेकिन हाईकोर्ट के वकील समाज को छोड़ दिया गया।
पुराने भवन को नए भवन से जोड़ेगा ब्रिज
पटना हाईकोर्ट परिसर में पुराने भवन के बगल में ही शताब्दी भवन का निर्माण किया गया है। दोनों भवन में आने-जाने के लिए ब्रिज का भी निर्माण किया गया है। इससे दोनों भवन आपस में जुड़ गए हैं। पटना हाईकोर्ट 30.89 एकड़ में फैला हुआ है। 203. 94 लाख की लागत से बने शताब्दी भवन में 43 कोर्ट रूम के अलावा 57 जजों को बैठने के लिए चैंबर बनाए गए हैं। इसके अलावा 90 लोगों के लिए कॉन्फ्रेंस हॉल का भी निर्माण किया गया है। दो लाइब्रेरी के साथ-साथ 129 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था है। नए भवन में एक फव्वारा भी बनाया गया है, जो इंद्रधनुषी छंटा बिखेरती है। 4 फरवरी 2014 को बसंत पंचमी के दिन नए भवन का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रेखा एम. दोशित के द्वारा हुआ था। दो साल में पूरा होने वाला शताब्दी भवन 2021 में बनकर तैयार हुआ।