सुपौल में एक ही परिवार के पांच लोगों (माता, पिता और तीन बच्चों) की सामूहिक आत्महत्या ने लोगों को दु:खी कर दिया। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। अब तक की तफ्तीश में पता चला है कि एक साथ मौत को गले लगाने वाला यह परिवार पिछले दो सालों से मुफलिसी में फंसा हुआ था। यहां तक की चूल्हा जलाने के लिए परिवार को पुश्तैनी जमीन बेचनी पड़ी थी। धीरे-धीरे परिवार ने खुद को समाज से काट लिया था। गांव में इस परिवार के लोगों को आखिरी बार पिछले शनिवार को देखा गया था।
बताया जा रहा है कि इतने दिनों से न परिवार के लोगों ने गांव में किसी सम्पर्क किया और न ही गांव के किसी व्यक्ति ने परिवार की खोजखबर लेने की कोशिश की। परिवार की सामूहिक आत्महत्या का पता तब चला जब घर से बदबू आने लगी। गांववालों का कहना है कि पिछले दो वर्षों से मिश्रीलाल साह का परिवार अपनी पुश्तेनी जमीन बेच कर गुजारा कर रहा था। बीच में परिवार ने कोयला बेचने का छोटा सा कारोबार किया था लेकिन इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ा। परिवार आर्थिक तंगी का शिकार रहा और इस बीच समाज से खुद को काटता चला गया। गद्दी गांव के वार्ड-12 में रहने वाले इस परिवार के लोगों को गांववालों ने आखिरी बार पिछले शनिवार को देखा था। इसके बाद शुक्रवार की देर रात पूरे परिवार के शव को फंदे से लटका हुआ देखा गया।
एफएसएल की टीम कर रही जांच
गांववालों से घटना की जानकारी मिलते राघोपुर पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच में जुट गई। एसपी मनोज कुमार ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। मौके पर एफएसएल की टीम को बुलाया। टीम छानबीन में जुटी है।
घर से बदबू आने पर जुटी भीड़, तोड़ा गया दरवाजा
मिश्री लाल साह (50) के घर गंध आने पर ग्रामीणों ने इनकी सूचना मुखिया मो तस्लीम को दी। इसके बाद मुखिया सहित अन्य लोग घर कर बाहर के दरवाजे पर लगे ताले को तोड़कर अंदर घुसे। घर का एक कमरा भीतर से बंद था। लोगों ने खिड़की से देखा तो पांच लोगों का शव रस्सी के फंदे से लटक रहे थे। मृतकों में मिश्री लाल साह उनकी पत्नी रेणु देवी 45 वर्ष, उनकी दो नाबालिग बेटी और एक बेटा शामिल है। लोगों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी।