परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद महाराष्ट्र की सियासत में बवाल मचा हुआ है। NCP में हलचल तेज हो गई है। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार आगरा से दिल्ली पहुंच गए हैं। उन्होंने एनसीपी के कोर कमिटी के 2 सदस्यों को दिल्ली बुलाया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और डिप्टी सीएम अजित पवार दिल्ली जा सकते है। दिल्ली में होने वाली मीटिंग में सुप्रिया सुले भी शामिल हो सकती है। इसके अलावा प्रफुल्ल पटेल भी मीटिंग में रहेंगे, ऐसे जानकारी मिली है।
इस बीच महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने संजय राउत को शरद पवार से बात करने के लिए दिल्ली भेजा है। इससे पहले शिवसेना की तरफ से परमबीर सिंह के लेटर बम पर चुप्पी तोड़ी गई। शिवसेना के नेता संजय राउत ने एनसीपी पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा है कि सरकार के मंत्रियों को सोचना चाहिए कि उनके पैर जमीन पर हैं कि नहीं। महाराष्ट्र में सरकार चलाने के लिए कुछ चीजें ठीक करना जरूरी है।
संजय राउत ने कहा है कि चिट्ठी में जो बातें लिखी हैं उसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने ये खुलकर माना कि सरकार पर जरूर कुछ दाग लगे हैं। मीडिया को बयान देने से पहले संजय राउत ने आज सुबह-सुबह गीतकार जावेद अख्तर के एक शेर को ट्वीट किया। ट्वीट में संजय राउत ने लिखा- हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है, हम हैं ऐसे मुसाफिर जो मंजिल से आए हैं।
परमवीर ने कहा – असली है चिट्ठी
मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के गंभीर आरोपों के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है। इस बीच परमबीर ने कहा कि चिट्ठी पूरी तरह सही है। उसे मेरी ही आईडी से भेजा गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से भी चिट्ठी की सत्यता पर संदेह जताया गया था। यह बात सामने आई थी कि जो चिट्ठी भेजी गई है उस पर परमबीर के साइन नहीं हैं।

इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी गई परमबीर की चिट्ठी के बाद राज्य में सियासी भूचाल आ गया है। मामले में NCP प्रमुख शरद पवार सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने पार्टी के दो बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया है। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार और पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल शामिल होंगे।
सूत्रों के मुताबिक, NCP नेताओं के बीच अनिल देशमुख पर लगे आरोपों को लेकर चर्चा की जाएगी। देशमुख का नाम आने के बाद राज्य की उद्धव सरकार दबाव में आ गई है। विपक्ष के अलावा उनकी सरकार में साथी कांग्रेस ने भी मामले की जांच कराने और उनके इस्तीफे की मांग की है।
वझे को देशमुख के संरक्षण का आरोप लगाया था
परमबीर ने चिट्ठी में कहा था कि सचिन वझे को गृहमंत्री का संरक्षण था और उन्होंने वझे से हर महीने 100 करोड़ रुपए जमा करने को कहा था। इन सब शिकायतों को लेकर परमबीर ने उद्धव को एक चिट्ठी भी लिखी थी। उन्होंने यह भी कहा कि अपने गलत कामों को छुपाने के लिए मुझे बलि का बकरा बनाया गया।
गृह मंत्री ने आरोप खारिज किए
गृह मंत्री देशमुख ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि परमबीर खुद को बचाने के लिए उन पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने परमबीर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की बात भी कही थी।
अब NIA कर रही दोनों मामलों की जांच
एंटीलिया केस में मुंबई पुलिस के साथ-साथ राज्य सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पहले एंटीलिया केस की जांच मुंबई पुलिस से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई। इसके बाद NIA ने मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वझे को गिरफ्तार किया। इसके बाद मामले में मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच भी NIA को सौंप दी गई।
इससे पहले मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था। उनका तबादला होमगार्ड विभाग में कर दिया गया। अब परमबीर ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर महाराष्ट्र सरकार में गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाए हैं।