कोरोना वायरस के मामले देश में एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं। पिछले कई दिनों से संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी जारी है। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि महाराष्ट्र और पंजाब में कोरोना के मामले बढ़ना चिंता का विषय है। इन दोनों के अलावा, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, तमिलनाडु और कर्नाटक में भी कोरोना के केस बढ़े हैं। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने यह जानकारी कोरोना की वर्तमान स्थिति को लेकर बुलाई गई इन राज्यों के साथ बैठक के बाद दी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सबसे ज्यादा कोरोना की संख्या वाले जिलों में दस में से नौ महाराष्ट्र के हैं। इनके नाम- पुणे, नागपुर, मुंबई, ठाणे, नासिक, औरंगाबाद, नांदेड़, जलगांव और अकोला है। वहीं, बेंगलुरु का कर्नाटक भी इसमें शामिल है। नीति अयोग (स्वास्थ्य) सदस्य वीके पॉल ने स्थिति को ‘चिंतित’ बताते हुए कहा कि इसका समाधान निगरानी है, जैसा कि पिछले साल किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि इन राज्यों में टीकाकरण को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
राजेश भूषण ने 45 साल से अधिक उम्र के किसी को भी टीकाकरण अभियान के बारे में कहा कि देश में सभी कोरोना से लगभग 88 प्रतिशत मौतें 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के ऊपर हो रही हैं। यह मामला घातक है। 45 वर्ष से अधिक की दर 2.85 प्रतिशत है। इसलिए यह आयु वर्ग असुरक्षित है और वैज्ञानिक इनपुट के आधार पर निर्णय लिया गया है। टीकाकरण के आयु-आधारित दृष्टिकोण को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मान्यता मिली है। पॉल ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त टीके हैं। राज्यों के साथ हमारा सहज संबंध है। हम हर दिन स्थिति का जायजा लेते हैं।”
बीते 24 घंटों में 47 हजार से ज्यादा नए केस
बीते 24 घंटों के दौरान देश में संक्रमण के कुल 47,262 नए मामले सामने आए हैं। कुल नए मामलों में से 81.65 प्रतिशत छह राज्यों से मिले हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में एक दिन में सबसे ज्यादा 28,699 नए मामले सामने आए और इसके बाद पंजाब में 2,254 और कर्नाटक में 2,010 संक्रमित मिले। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ”आठ राज्यों में राष्ट्रीय औसत (4.11 प्रतिशत) से ऊंची साप्ताहिक संक्रमण दर दर्ज की गई है। महाराष्ट्र में साप्ताहिक संक्रमण दर सबसे ज्यादा 20.53 प्रतिशत है।” भारत में बुधवार को संक्रमण के एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 3,68,457 हो गई जो कुल संक्रमितों का 3.14 प्रतिशत है। बीते 24 घंटे की अवधि के दौरान उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कुल 23,080 की वृद्धि दर्ज की गई।