प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार समेत चार राज्यों में दर्जनों आपराधिक घटनाओं को अंजाम देनेवाले कुख्यात माधव दास उर्फ अमरेन्द्र कुमार माधव की संपत्ति को जब्त कर लिया है। जब्त की गई संपत्ति की कीमत 1.01 करोड़ है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत यह कार्रवाई की गई है। बैंक और सोने-चांदी के दुकान लुटने के लिए माधव दास कुख्यात रहा है। अपराधिक गिरोह बनाने से पहले वह नक्सली था। कई वर्षों के प्रयास के बाद बिहार एसटीएफ की टीम ने इस शातिर को गया के बाराचट्टी से गिरफ्तार किया था।
24 आपराधिक मामलों में ईडी की कार्रवाई
माधव दास मूलत: गया जिले के परैया थाना के पहरा का रहनेवाला है। उसकेआधा दर्जन उपनाम भी हैं। अपनी पहचान छुपाने के लिए वह अक्सर नाम बदलता रहता था। पुलिस ने माधव दास केखिलाफ ईडी को कार्र्रवाई का जो प्रस्ताव भेजा था उसमें 24 आपराधिक मामलों का जिक्र था। जानकार बताते हैं इससे कहीं ज्यादा वारदातों को उसने अंजाम दिया। बिहार, झारखंड, ओडिशा और बंगाल में बैंक डकैती के अलावा, लूट, हत्या, हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट जैसे मामले उसपर दर्ज हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह गुड़गांव, जमशेदपुर, धनबाद और बाराचट्टी में नाम बदलकर रहा था।
पत्नी, साला और भाई के नाम पर खरीदी संपत्ति
माधव दास ने अपराध के जरिए अकूत संपत्ति अर्जित की। उसने पत्नी उर्मिला देवी के नाम पर जमशेदपुर में एक फ्लैट खरीदा था। इसके अलावा गया के परैया स्थित पहरा और लेम्बोगरहा में पांच प्लॉट थे। बैंक में जमा 8.87 लाख रुपए, मारूति वैगन आर कार, साला योगेन्द्र दास के नाम पर चतरा के हंटरगंज में क्रशर प्लांट और भाई के नाम पर खरीदे गए पांच प्लाट को भी जब्त कर लिया गया है। फिलहाल यह जब्ती औपबंधिक तौर पर की गई है। सक्षम प्राधिकार द्वारा ईडी की इस कार्रवाई पर मुहर लगती है तो इन संपत्तियों को पूरी तरह जब्त कर लिया जाएगा।