कोरोना की दूसरी लहर ने बिहार में भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। राज्य में 5 महीने बाद सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज पाए गए। रविवार को सूबे में 864 नए कोरोना मरीजों की पहचान गई। इससे पहले बीते साल 31 अक्टूबर को सबसे ज्यादा 1018 नए मरीज मिले थे। पटना के अलावे बिहार के जिन जिलों में ज्यादा केस आए उनमें भागलपुर के अंदर 46, जहानाबाद में 60, मुजफ्फरपुर में 34, मुंगेर में 25, पश्चिम चंपारण में 23, वैशाली में 25, बेगूसराय में 19, गया में 19, दरभंगा में 17 नए मरीजों की पहचान हुई है। बिहार का कोई जिला ऐसा नहीं है जहां कोरोना के मरीज नहीं मिले हैं।
कोरोना की नई लहर का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ा है। पिछले 48 घंटे में पटना जिले में 80 बच्चे संक्रमित हुए हैं। शनिवार को 60 बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और रविवार को भी 20 अन्य बच्चे पॉजिटिव पाए गए। इनमें से अधिकांश बच्चे पटना के शहरी इलाके के हैं। पटना के कंकड़बाग, पत्रकार नगर, गर्दनीबाग, अनिसाबाद, बोरिंग रोड, अशोक राजपथ, राजा बाजार, राजीव नगर जैसे इलाकों में लगातार बच्चे संक्रमित पाए जा रहे हैं। संक्रमित बच्चों में आधे से ज्यादा स्कूल में पढ़ने वाले हैं जिनकी उम्र 14 साल से कम है।
पटना में फैलते कोरोना के मद्देनजर जिला प्रशासन की तरफ से 103 माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। जिला प्रशासन की तरफ से 75 टीमें पटना के शहरी इलाकों में मरीजों की पहचान कर रही हैं। पटना के दो बड़े अपार्टमेंट कि रविवार को बैरिकेडिंग कर दी गई। कंकड़बाग और श्री कृष्णा पुरी स्थित दो अपार्टमेंट को प्रतिबंधित क्षेत्र बनाया गया है। इन दोनों अपार्टमेंट में रहने वाले लोग संक्रमित पाए गए थे। श्री कृष्णा पुरी स्थित एक अपार्टमेंट में आठ लोग पॉजिटिव पाए गए जबकि कंकड़बाग स्थित दूसरे अपार्टमेंट में छह लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।